Rakshabandhan 2022: भद्रा के बावजूद आज बांध सकेंगे राखी, 24 साल बाद बन रहा योग

 

रक्षाबंधन का इंतजार हर भाई बहन बड़ी बेसब्री से करते हैं. ये त्योहार शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और बदले में उनसे रक्षा का वचन लेती हैं. इस बार रक्षाबंधन को लेकर काफी कन्फ्यूजन था. पर अब ये दूर हो गया है. दरअसल, इस साल आज के पूरे दिन भद्रा पड़ रही है. जबकि भद्रा काल में कोई भी शुभ कार्य वर्जित होता है. ऐसे में भाई को राखी का टीका भद्रा काल के बाद ही करें. इस साल रात्रि में भद्रा समाप्त होगा. उसके बाद ही राखी बांधी जा सकती है. लेकिन हिंदू पंचाग के अनुसार इस बार 24 साल बाद राखी पर विशेष योगों का निर्माण हो रहा है. जिसके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.

जानें क्या है शुभ मुहूर्त

जानकारी के मुताबिक, इस साल 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट से पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ होगा और 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी. इस साल रक्षाबंधन पर एक विशेष योग का निर्माण हो रहा है. इस वजह से रक्षाबंधन का महत्व और अधिक बढ़ जाता है. आइए जानें शुभ योग और राखी बांधने के शुभ मुहूर्त के बारे में.

बता दें कि 24 साल बाद इस बार राखी पर अमृत योग का निर्माण हो रहा है. इस योग का ज्योतिष में विशेष महत्व बताया जाता है. इस दुर्लभ योग के कारण रक्षाबंधन का त्होयार और खास हो गया है.

राखी बांधने के शुभ मुहूर्त

– हिंदू पंचाग के अनुसार दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेग. अभिजीत मुहूर्त से उत्तम मुहूर्त कोई नहीं होता. इसलिए आप इस समय के बीच में भाई की कलाई पर राखी बांध सकते हैं. राखी बांधने के लिए 53 मिनट का समय शुभ बताया जा रहा है.

– इसके साथ ही 11 अगस्त को दोपहर 2 बजकर 39 मिनट से लेकर 03 बजकर 33 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा. इस 53 मिनट भी आप राखी बांध सकते हैं.

– शाम को 6 बजकर 54 मिनट से लेकर 8 बजकर 21 मिनट तक अमृत काल रहेगा. इस 1 घंटे 25 मिनट के बीच भी भाई को राखी बांधी जा सकती है.

इस तरह से बांधे राखी

बहन को राखी बांधने के शुभ मुहूर्त में एक थाल में राखी, चंदन, रोली, अक्षत्, दही, घी वाला दीपक लेकर रख लेना चाहिए. उसके बाद भाई को पूर्व दिशा की ओर मुख कराकर बैठाएं और स्वयं पश्चिम दिशा की ओर मुख कर लें. इसके बाद भाई के सिर पर रूमाल या तौलिया रखें. फिर उनको तिलक लगाएं. तिलक के लिए दही, चंदन, रोली, अक्षत् का उपयोग करें. उसके बाद मंत्रोच्चार के साथ दाईं कलाई में राखी बांधें और मिठाई खिलाएं. अब घी के दीपक को जलाएं और भाई की आरती उतारें. ईश्वर से उनके सुखी जीवन की कामना करें. भाई छोटे हैं तो वे बहन के पैर छूकर आशीर्वाद लें, वैसे ही बहन छोटी है तो भाई से आशीर्वाद लें. भाई बहन को उपहार दें और सदैव उनकी रक्षा का वचन दें. यह राखी बांधने की सबसे सरल विधि है.

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