प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी जनता के प्रति पुलिसकर्मियों का व्यवहार सुधरने का नाम लेता नजर नहीं आ रहा है. अब ताजा मामला मेरठ (Meerut) जिले का ही है, जहां एक दुष्कर्म पीड़िता को पुलिस ने इस कदर परेशान कर दिया कि अब उसने जहर खा लिया. फ़िलहाल पुलिस ने फ़ौरन कार्रवाई करते हुए पीड़िता को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है और साथ ही पीड़िता द्वारा लगाये गये आरोपों को खारिज किया है.
ये है पूरा मामला
नौचंदी के सोहराबगेट बस स्टैंड के पास रहने वाले डा. तैमूर और डा. नासिर रहते हैं. इनमें से डॉ. तैमूर के खिलाफ कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के रोहटा रोड की रहने वाली युवती ने दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था.
तैमूर ने खुद को बेकसूर बताते हुए एक वीडियो कप्तान को दिखाकर वायरल कर दी थी. वीडियो में तैमूर पीड़िता के घर पर पहुंचा है, उसने पीड़ित दोनों बहनों से समझौता करने के लिए सौदेबाजी शुरू कर दी. युवतियों को तैमूर ने लालच दिया, जिस पर उन्होंने समझौता करने के लिए दो लाख रुपये की मांग की. इस दौरान तैमूर डेढ़ लाख में देने की बात कह रहा है.
इस वीडियो को देखने के बाद पुलिस ने दोनों पर कोई कार्रवाई नहीं की. जिसके परेशान होकर पीड़िता ने यह कदम उठाया. तैमूर का कहना है कि पीड़िता ने उसे फंसाने के लिए जहर खाने का नाटक किया है बस.
सुसाइड नोट में लिखा ये…
जानकारी के मुताबिक, पीड़िता ने अपने सुसाइड नोट में ये लिखा है कि मैं अपनी मर्जी से ये कदम उठा रही हूं. मेरी जिन्दगी बर्बाद करने में मेरा पति और क युवती का हाथ है. इस पत्र में तीन दुसरे समुदाय के युवकों का भी जिक्र है. पत्र में लिखा है कि पुलिस भी आरोपित पक्ष के साथ मिल कर हमारा उत्पीड़न कर रही है. मैं इनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती लेकिन भगवान इन्हें माफ़ नहीं करेगा. दुसरे समुदाय के तीनों युवक अमन हॉस्पिटल में हुए दुष्कर्म के मामले में जेल जा चुके हैं.
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