फिल्म अभिनेता नसीरूद्दीन शाह की पत्नी रत्ना पाठक शाह (Ratna Pathak Shah) अक्सर अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहती हैं, और सोशल मीडिया पर ट्रोल भी होती हैं. लेकिन फिर भी वो इसे बार-बार करने में पीछे नहीं हट रहीं. अब उनका नया बयान चर्चा में है और जिसके चलते हाल ही में बहस छिड़ गई है. नए बयान में उन्होंने करवाचौथ (Karwa Chauth) को लेकर विवादित बात कही है. अभिनेत्री ने करवा चौथ को महिलाओं की गुलामी और अंधविश्वास का प्रतीक बताते हुए इसे मनाने वाली महिलाओं को पागल करार दे दिया है.
पिंकविला को एक दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि 40 वर्षों में पहली बार उनसे पिछले साल पूछा गया था कि क्या वह अपने शौहर अभिनेता नसीरुद्दीन शाह की सलामती के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं? इस पर उन्होंने कहा, “क्या मैं पागल हूँ, जो ऐसा करूँगी?” उन्होंने आगे कहा, “हमारे देश में औरतें अभी भी सदियों पुरानी प्रथाओं और रीति-रिवाजों को फॉलो करती आ रही हैं. पूरा समाज रूढ़िवादी होता जा रहा है. क्या यह भयावह नहीं है कि पढ़ी-लिखी आधुनिक महिलाएँ भी करवा चौथ का व्रत करती हैं. अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं, जिससे उन्हें विधवा होने का कोप न झेलना पड़े.”
रत्ना पाठक ने कहा, “हम रूढ़िवादी हो रहे हैं. कुंडली दिखो, वास्तु कराओ, अपने ज्योतिषी को दिखाओ के विज्ञापनों की संख्या देखें. नित्यानंद की तरह फनी लोगों को देखिए, जिन्हें कहीं एक जगह मिल गई है. हर जगह एक मूर्ख, बूढ़ा गुरु बनकर बैठा हुआ है और हर कोई उनके पास जाता है. क्या यह आधुनिक समाज की निशानी है. यहाँ दाभोलकर जैसे तर्कवादी दिनदहाड़े मार दिए जाते हैं. उसका मुकदमा अभी चल रहा है और इसके बारे में कुछ नहीं किया जाएगा.”
उन्होंने कहा, “समाज रूढ़िवादी होने पर सबसे पहले औरतों पर शिकंजा कसता है. दुनिया की जितने भी रूढ़िवादी समाज हैं, सब पर नजर डाल लीजिए. आप देखेंगे कि औरतें ही हैं जो सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. आज भी औरतों के लिए कुछ भी नहीं बदला है और अगर बदलाव हुआ भी है तो वह बेहद मामूली है. लोग अब अंधविश्वासी होते जा रहे हैं. उन्हें धर्म को स्वीकार कर उसे अपनी जिंदगी का अहम हिस्सा बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है.”
लोग बोले- कभी तीन तलाक, हलाला पर भी बोलकर दिखाओ
रत्ना पाठक के इस बयान के बाद कई यूजर्स उनको सोशल मीडिया पर इस्लाम पर बोलने की चुनौती दे रहे हैं. नेटिजन्स ने कहा कि अगर करवा चौथ रूढिवादिता है तो इस्लाम में तीन तलाक, हलाला, मुताह और नजदीकी रिश्तों में शादी पर उनके क्या विचार हैं. उन्हें इन मुद्दों पर भी बोलने की हिम्मत दिखानी चाहिए. बता दें कि रत्ना पाठक को आखिरी बार फिल्म जयेशभाई जोरदार में देखा गया था.
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