RBI ने जारी की चेतावनी, कच्चे तेल के दाम में हुई बढ़ोत्तरी तो डगमगाएगी अर्थव्यवस्था

कच्चे तेल के दामों में लगातार गिरावट के बाद डीजल-पेट्रोल की कीमतों ने देश को राहत पहुंचाई है. ऐसे में हर कोई चाहता है की कच्चे तेल के दाम स्थिर रहे और मंहगाई की मार न झेलनी पड़े. बाजार के जानकारों के मुताबिक अगर कच्चे तेल के दामों में बढ़ोत्तरी हुई तो इसे देश की आर्थिक स्थिरता प्रभावित हो सकती है. भारतीय रिजर्व बैंक के एक अध्ययन में चेताया गया है कि, अगर कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आती है तो इससे चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ सकता है. मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे के आंकड़े प्रभावित हो सकते हैं, जिससे ऊंची वृद्धि का लाभ ‘नदारद’ हो सकता है.

 

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इस अध्ययन के मुताबिक, भारत कच्चे तेल के आयात पर काफी हद तक निर्भर है, इसलिए जरूरत का 80 प्रतिशत से अधिक कच्चा तेल आयात करता है और ऐसे में वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में अगर तेजी आई तो इसे भारतीय अर्थव्यवस्था डगमगा सकती है. इस रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि, कैड के अलावा कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से मुद्रास्फीति तथा राजकोषीय घाटा भी प्रभावित हो सकता है.

 

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लगातार जारी है उतार-चढ़ाव

 

गौरतलब है कि, अप्रैल से सितंबर, 2018 के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. साल के मध्य में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी की वजह मांग बढ़ना रहा. वैश्विक वृद्धि दर में सुधार, भू राजनैतिक जोखिमों और आपूर्ति पक्ष की दिक्कतों की वजह से भी कच्चे तेल के दाम में तेजी आई. हालांकि, नवंबर, 2018 के मध्य से कच्चे तेल की कीमतों में उल्लेखनीय गिरावट आई, लेकिन इनमें उतार-चढ़ाव बना हुआ है.

 

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