झारखंड (Jharkhand) के साहिबगंज की रेबिका पहाड़िन (Rebika Pahadin) का कटा हुआ सिर हत्या के 14 दिनों बाद एक तालाब से बरामद हुआ है। बोरियो स्थित तालाब में मछुआरों ने महिला का सिर होने की जानकारी पुलिस को दी। पुलिस ने रेबिका का सिर सहित शव के 30 टुकड़े अब तक बरामद किए हैं। इन टुकड़ों की डीएनए जांच के लिए रेबिका के मां-पिता का सैंपल लिया गया है।
रेबिका के शव के किए थे 50 टुकड़े
बता दें कि साहिबगंज जिले के बोरियो थाना क्षेत्र निवासी आदिम पहाड़िया जनजाति की 22 वर्षीया रेबिका की हत्या महज डेढ़ महीने पहले शादी रचाने वाले दिलदार अंसारी और उसके परिवार के लोगों ने कर दी थी। इसके बाद उसकी लाश के 50 टुकड़े कर दिए थे।
पुलिस ने अब तक दिलदार अंसारी, उसके पिता मो. मुस्तकिम अंसारी, मां मरियम खातून, पहली पत्नी गुलेरा अंसारी, भाई अमीर अंसारी, महताब अंसारी, बहन सरेजा खातून सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है। दिलदार अंसारी की मां ने उसकी लाश को टुकड़ों में काटकर ठिकाने लगाने के लिए अपने भाई मोइनुल अंसारी को 20 हजार रुपए की सुपारी दी थी। उसी ने अपने साथी मैनुल हक मोमिन के घर में शव के टुकड़े-टुकड़े किए।
इस वारदात का मास्टर माइंड दिलदार का मामा मोइनुल अंसारी बताया जा रहा है, जो पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। रेबिका की बोटी-बोटी करने वालों ने हैवानियत की सारी हदें पार कर दी थीं। उसके शव की पहचान न हो सके, इसके लिए आरोपियों ने उसकी खाल तक उतार दी थी।
धर्मांतरण का दबाव बना रहा था आरोपी
रिबिका की बहन शीला पहाड़िया ने बताया कि बोरियो बेल टोला निवासी दिलदार पेशे से कबाड़ी है। पिता सुरजा पहाड़िया और मां चांदी पहाड़िया इस रिश्ते का विरोध करते थे। एक महीने पहले दोनों घर से भाग कर थाना पहुंचे, जहां पुलिस ने उनकी शादी करा दी। शादी के बाद से ही दिलदार और उसके परिवार के सदस्य उस पर धर्म बदलने का दबाव डाल रहे थे। मारपीट करते थे। जब रिबिका नहीं मानी तो उसकी नृशंस हत्या कर दी।
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