कानपुर जिले के बिकरू गांव में हुई आठ पुलिसकर्मियों की हत्याओं के मामले में जांच पूरी हो गई है। इसमें विकास दुबे को संरक्षण देने के आरोप में कई बड़े आईपीएस और पीपीएस अफसरों का नाम भी सामने आया था। इस जांच में फंसे राजपत्रित पुलिस अफसरों के खिलाफ शासन को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। इसी आधार पर शासन जल्द इन अफसरों पर विभागीय कार्रवाई करेगा।
इन अफसरों के है नाम
जानकारी के मुताबिक, जांच रिपोर्ट में कानपुर में उनके कार्यकाल का ब्योरा, विकास दुबे और जय बाजपेई के साथ कई बड़े अफसरों से सांठगाठ व लापरवाही उजागर हुई है। इस लिस्ट में आईपीएस अनंत देव समेत, तत्कालीन एसपी ग्रामीण प्रद्युम्न सिंह, डीएसपी आरके चतुर्वेदी और वर्तमान सीओ एलआईयू सूक्ष्म प्रकाश का नाम शामिल है।
एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर इन चारों अफसरों के कार्यकाल की जांच एडीजी और आईजी ने की। एडीजी जय नारायन सिंह ने बताया कि चारों अफसरों की जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। हालांकि एसएसपी अनंत देव को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं अब बाकी तीनों पीपीएस अफसरों पर निलंबन की तलवार लटकी हुई है।
लगे हैं ये आरोप
बता दें कि इस जांच में ये बात सामने आई है इन सभी पर विकास दुबे को संरक्षण देने का आरोप लगा है। जैसे कि विकास दुबे को टॉप टेन में न शामिल करना। विकास की जमानत खारिज कराने की प्रक्रिया न करना। एफआईआर से धारा हटाना। जय बाजपेई का आपराधिक इतिहास होने के बावजूद शस्त्र लाइसेंस व पासपोर्ट बन जाना।
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