उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद समाजवादी पार्टी में बगावत के सुर तेज होते जा रहे हैं। सपा के कुछ नेता अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं। बीते दिनों सुल्तानपुर विधानसभा सीट से सचिव सलमान जावेद राइन के बाद अब सहारनपुर (Saharanpur) के वरिष्ठ सपा नेता सिकंदर अली (SP Leader Sikandar Ali) ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा (Resigns) दे दिया है। सपा नेता सिकंदर अली ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर मुस्लिम समाज की अनदेखी करने का आरोप लगाया है।
अपने विधायक के लिए खड़े नहीं हो सकते अखिलेश
मीडिया से बातचीत के दौरान सिकंदर अली ने कहा कि मुस्लिम नेताओं के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर अखिलेश यादव की चुप्पी से उन्हें घुटन महसूस हो रही थी। उन्होंने कहा कि आजम खान की गिरफ्तारी समेत कई मामलों में अखिलेश यादव चुप्पी साधे हुए हैं। यह वह सपा नहीं है जो मुलायम सिंह यादव के समय थी।
सिकंदर अली ने अखिलेश यादव के नई हवा है नई सपा के नारे पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव मुसलमानों का वोट लेकर ही 111 सीटों पर जीते हैं, लेकिन जिस तरह से आजम खान और नाहिद हसन के मसले पर उन्होंने कुछ नहीं किया। इससे साफ है कि जब एक विधायक के लिए खड़े नहीं हो सकते तो आम कार्यकर्ता का क्या साथ देंगे।
अखिलेश में मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक समझा
सिकंदर अली का आरोप है कि मुस्लिम समाज के उत्पीड़न के मामलों पर सपा प्रमुख कोई भी प्रतिक्रिया नहीं देते, जबकि मुसलमानों ने उन्हें हमेशा वोट दिया। अखिलेश यादव चापलूसों और चाटुकारों से घिरे हुए हैं। उन्होंने मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक समझा।
यही नहीं, सिकंदर अली ने यह भी कहा कि अखिलेश यादव ने बीजेपी और मुसलमानों के बीच दुश्मनी कराने का काम किया है। इसी वजह से मैंने पार्टी छोड़ी है। आने वाले दिनों में बसपा की तरह ही मुसलमान समाजवादी पार्टी को समाप्तवादी पार्टी बनाने का काम करेगा।
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