आगरा में सपाइयों की शामत आई, भेजे जाएंगे जेल!, अफसरों की गाड़ियों में खोज रहे थे ईवीएम

 

 

उत्तर प्रदेश में दस मार्च को विधानसभा चुनाव की मतगणना थी। इससे पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सपा कार्यकर्ताओं से कहा था कि वो मतगणना केंद्रों पर नजर रखे। ऐसे में हद पार करते हुए आगरा जिले में सपा कार्यकर्ताओं ने बूथ के अंदर जाने वाली पुलिस अफसरों की गाड़ी तक तो चेक किया। इस मामले में अब पुलिस ने सख्ती बरतना और कार्रवाई करना शुरू किया है। इससे बचने के लिए अब कार्यकर्ता अफसरों के दरवाजे खटखटा रहे हैं, पर कहीं कोई मदद नहीं मिल रही। दरअसल, सपा कार्यकर्ता एडीजी दफ्तर पहुंचे थे, जहां उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, आगरा में मतगणना से पहले बुधवार रात को मंडी समिति के बाहर सपा और रालोद के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया था। उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों की गाड़ियों को अंदर जाने से पहले रोका और उनकी चेकिंग की थी। मुकदमे में बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालने, मारपीट, गाली गलौज और धमकी देने के साथ-साथ लोक व्यवस्था भंग करने की धारा लगी है। हंगामे के दौरान वीडियो भी बनाया था। इसके आधार पर मुकदमे में 25 नामजद 50-60 अज्ञात आरोपी बनाए गए। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने विवेचक को नामजद आरोपियों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट लेकर गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं।

एडीजी ने पूछा सवाल तो खामोश हुए सपाई

अब खबर आ रही है कि पुलिस अब नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज सकती है। इस सिलसिले में सपा का एक प्रतिनिधिमंडल आज एडीजी जोन से मिला लेकिन राहत की कोई उम्मीद नहीं दिखी। मामले को राजनीतिक बताते हुए सपाजनों ने आज एडीजी जोन से कार्रवाई न करने की मांग की। सपाजनों को सुना गया लेकिन राहत देने की कोई बात नहीं कही गई। उल्टे सपाजनों से पूछ लिया गया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों की चेकिंग करना क्या उचित था। पुलिस के उच्चाधिकारियों के रुख से स्पष्ट है कि नामजद आरोपियों जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है।

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