केंद्र सरकार के ‘संविधान हत्या दिवस’ पर अखिलेश का तंज, बोले- बेरोजगारी से हुए युवा सपनों के हत्या जैसे दिवस कब मनाएगी BJP

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने 25 जून को संविधान हत्या दिवस (Constitution Assassination Day) मनाने के फैसले को लेकर केंद्र सरकार पर तंज कसा है। सपा चीफ ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि 30 जनवरी को ‘बापू हत्या दिवस’ व ‘लोकतंत्र हत्या दिवस’ के संयुक्त दिवस के रूप में मनाना चाहिए क्योंकि इसी दिन चंडीगढ़ में भाजपा ने मेयर चुनाव में धांधली की थी।

अखिलेश यादव ने आगे लिखा कि भाजपा बताए कि-

  • मणिपुर में नारी के मान-अपमान हत्या दिवस
  • हाथरस की बेटी हत्या दिवस
  • लखीमपुर में किसान हत्या दिवस
  • कानपुर देहात में माँ-बेटी हत्या दिवस
  • तीन काले क़ानूनों से कृषि हत्या दिवस
  • पेपर लीक करके हुए परीक्षा प्रणाली हत्या दिवस
  • अग्निवीर से हुए सामान्य सैन्य भर्ती हत्या दिवस
  • बेरोज़गारी से हुए युवा सपनों के हत्या दिवस
  • बढ़ती महंगाई से हुए आम परिवारों के भविष्य के हत्या दिवस
  • नोटबंदी व जीएसटी लागू करने से हुए व्यापार हत्या दिवस
  • यश भारती जैसे पुरस्कार बंद करने से हुए हुनर-सम्मान हत्या दिवस
  • जनसंख्या में आनुपातिक प्रतिनिधित्व न देकर सामाजिक न्याय का हत्या दिवस
  • सरकारी नौकरी के अवसर ख़त्म करके आरक्षण के हत्या दिवस
  • पुरानी पेंशन के हत्या दिवस
  • संदेहास्पद हो गये ईवीएम न हटाकर बैलेट पेपर हत्या दिवस

जैसे भाजपा राज में आए अनेक काले दिनों के लिए कौन सी तिथि चुनी जाए?

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बता दें कि केंद्र सरकार ने 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ मनाने की घोषणा कि है। गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार 12 जुलाई को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी। सरकार ने इसका नोटिफिकेशन भी जारी किया है।

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