केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लड़कियों की शादी के लिए न्यूनतम कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल करने का प्रस्ताव पारित किया है। सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी। इसके लिए सरकार मौजूदा कानूनों में संशोधन करेगी। वहीं, दूसरी तरफ इस प्रस्ताव का विरोध भी शुरू हो गया। मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के सचिव गुलजार आजमी ने कहा है कि वे इसे नहीं मानेंगे। इस प्रस्ताव का विरोध करने वालों में एक और नाम जुड़ गया है और वो है समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क (Shafiqur Rahman Barq) का। बर्क ने आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे लड़कियों को आवारगी का मौका मिलेगा।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में संभल से सपा सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने से हालात बिगड़ेंगे। पहले जो 18 साल की उम्र थी वह भी काफी थी। लंबे समय से ही उम्र थी, वरना इससे ज्यादा आवारगी का मौका मिलेगा।
बता दें संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। इससे पहले भारत के स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना तालिबानियों से करने पर सपा सांसद की जमकर फजीहत हुई थी। बर्क ने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की तुलना भारत में ब्रिटिश राज से कर दी थी।
सपा सांसद बर्क ने कहा था कि हिंदुस्तान में जब अग्रेजों का शासन था और उन्हें हटाने के लिए हमने संघर्ष किया, ठीक उसी तरह तालिबान ने भी अपने देश को आजाद किया।
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