यौन उत्पीड़न के आरोपों में घिरे सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) को जांच कर रही तीन सदस्यीय कमेटी ने क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की इन हाउस कमेटी ने इस मामले में सोमवार को कहा कि वे इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर जो आरोप लगाए गए हैं, वे निराधार हैं. उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले हैं.
जस्टिस एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की कमेटी ने यौन उत्पीड़न की शिकायत को खारिज कर दिया. जस्टिस बोबड़े के अलावा सुप्रीम कोर्ट की इन हाउस कमेटी में जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी दो अन्य सदस्य हैं. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जमा कर दी है. ये रिपोर्ट सीजेआई के अलावा वरिष्ठ जजों को भी सौंप दी गई है.
बता दें कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने अपने ऊपर लगे यौन शोषण के आरोप को खारिज कर दिया था. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों का खंडन करने के लिए मुझे इतना नीचे उतरना चाहिए’. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा था कि न्यायपालिका खतरे में है. अगले हफ्ते कई महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई होनी है, इसीलिये जानबूझकर ऐसे आरोप लगाए गए. सीजेआई ने कहा कि क्या चीफ जस्टिस के 20 सालों के कार्यकाल का यह ईनाम है? 20 सालों की सेवा के बाद मेरे खाते में सिर्फ 6,80,000 रुपये हैं. कोई भी मेरा खाता चेक कर सकता है.
गौरतलब है सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. महिला कर्मचारी ने शपथ पत्र देकर सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों को आरोप लगाने वाला यह पत्र भेजा था. पूरे मामले की सुनवाई के लिए इन हाउस कमेटी का गठन किया गया था.
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