बॉलीवुड: शाहिद कपूर की नई फिल्म कबीर सिंह की चर्चा इसके फर्स्ट लुक के सामने आते ही होने लगी थी. बीयर्ड लुक, चेहरे पर गुस्सा, आंखों में इश्क का नशा और सिर पर प्रेम को पाने का जुनून, शाहिद कपूर ने इस फिल्म में सिरफिरे आशिक के रोल ने यह साबित कर दिया कि कुछ रोल केवल वही कर सकते हैं. कबीर सिंह, तेलुगू फिल्म अर्जुन रेड्डी का हिंदी रीमेक है. शहीद ने पूरी कोशिश की है की अर्जुन रेड्डी फिल्म के हीरो विजय को टक्कर दे सकें, जिसमे वो बहुत हद तक कामयाब भी रहे हैं. इस फिल्म में शाहिद और कियारा की दमदार एक्टिंग देखने को मिली है.
इस फिल्म के निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा ने बेहद खूबसूरत तरीके से कबीर सिंह को बनाया है. संदीप रेड्डी वांगा ने ही अर्जुन रेड्डी बनाई थी. आपको बता दे की दोनों फिल्म की कहानी बिलकुल समान है, कहानी में कोई बदलाव नहीं किया गया है. कबीर सिंह एक मसाला फिल्म है जो इश्क की हद पार करती है. इसमें कॉमेडी है, इमोशंस है , रोमांस भी है. इस फिल्म की खासबात ये है कि 3 घंटे से भी लंबी कहानी होने के बावजूद ये आपको बोर नहीं करेगी. कॉमेडी पंच, छिछोरे टाइप के कॉमेडी सीन्स आपको ठहाके लगाने पर मजबूर कर देंगे. हालांकि बीच में फिल्म थोड़ी खींची हुई लगेगी पर आपको बाँध कर रखेगी. अगर फिल्म थोड़ी छोटी होती तो और भी बेहतर हो सकती थी जिससे लोगों को और भी ज्यादा मजा आता. फिल्म देखने जरूर जाएं आपको बेहद पसंद आएगी.
जानें पूरी कहानी
शाहिद कपूर यानी कबीर सिंह दिल्ली के एक मेडिकल स्टूडेंट कबीर राजधीर सिंह की कहानी है, जिसे बहुत ज्यादा गुस्सा आता है. गुस्से पर उसका बिल्कुल भी संतुलन नहीं होता है. कबीर सिंह को अपनी एक जूनियर प्रीति पसंद आ जाती है और उससे प्यार हो जाता है. कॉलेज में सबको पता लग जाता है, की प्रीति उसकी है जिसकी वजह से उसकी कोई रैगिंग नहीं कर पाता है, कॉलेज के बाद कबीर मास्टर्स करने चला जाता है और प्रीति दिल्ली में ही रह जाती है, इस बिच प्रीति कबीर से अलग नहीं रह पाती और मिलने मसूरी पहुँच जाती है, फिर दोनों अक्सर मिलने लगते हैं, पढ़ाई पूरी होने के बाद कबीर शादी की बात करने प्रीति के घर जाता है, वहाँ प्रीति के पिता दोनों को प्यार करते देख लेते हैं, और प्रीति के पिता कबीर को घर से भगा देते हैं.
कबीर प्रीति को अपना बनाने की बहुत कोशिश करता है, लेकिन प्रीति के पिता उसकी शादी कहीं और कर देते हैं. इस गम में कबीर शराबी बन जाता है और अजीब तरह की हरकतें करने लगता है. कबीर की इन हरकतों की वजह से उसके पिता (सुरेश ओबेरॉय) उसे घर से निकाल देते हैं. इसके बाद वह अपनी डॉक्टरी पर फोकस करता है. शराब के कारण तबियत खराब होती जाती है, और नशे में एक मरीज का इलाज करने के आरोप में उस पर पांच साल का प्रतिबंध लग जाता है. प्रीति उसकी जिंदगी से जा चुकी होती है फिर भी उसे पाने का जुनून उसके सिर पर सवार होता है. अपना हालत, बेहाल जिंदगी, और परिवार से हुए अलगाव को वह कैसे संभालता है, प्रीति उसकी जिंदगी में वापस आती है या नहीं, यही है कबीर सिंह की कहानी, जो की आपको फिल्म देखने के बाद पता चल जाएगा.



एक्टिंग : जैसा की सबको पता है की शाहिद कपूर एक बेहतरीन कलाकार हैं। कबीर सिंह शाहिद कपूर के उसी अंदाज की वापसी है। पूरी फिल्म में आपकी नजर उनसे नहीं हटती है, वहीं कियारा की मासूमियत आपको दिल हारने पर मजबूर क्र देगी। इस फिल्म से कियारा ने साबित कर दिया है कि उन्हें अगर मौका मिलेगा तो वह फिल्म जगत की अदाकाराओं को मात देने में पीछे नहीं रहेंगी। फिल्म में शहीद कपूर के भाई किरदार अर्जन बाजवा और बाप का किरदार सुरेश ओबेरॉय ने काफी अच्छा निभाया है। निकिता दत्ता भी इस फिल्म में नज़र आएंगी हलाकि उनका किरदार ज्यादा देर का नहीं है फिर भी उन्होंने इसे बखूबी निभाया है।
Also Read: अमिताभ बच्चन मुस्लिम गेटअप में बने मुल्ला, दाढ़ी-टोपी में लग रहे एकदम किलर
इस फिल्म की कहानी के साथ साथ इस फिल्म के गाने लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं। फिल्म की रिलीज से पहले हीं इसके गाने धूम मचाने लगे थे। बेखयाली, कैसे हुआ, तुझे कितना चाहने लगे, तेरा बन जाऊंगा, मेरे सोह्णेया गाने लोगों के जुबां पर हैं। संगीत के लिहाज से फिल्म काफी बेहतर है। इस फिल्म के गाने इरशाद कामिल, मनोज मुंतशिर, कुमार और मिथुन ने लिखे हैं और विशाल मिश्रा, अखिल सचदेवा, मिथुन और अरिजीत सिंह ने गानों में अपनी आवाज दी है। आशिक़ी-2 के बाद इस फिल्म के गाने को सबसे अच्छे रोमांटिक गाने के रूप में देखा जा रहा है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमेंफेसबुकपर ज्वॉइन करें, आप हमेंट्विटरपर भी फॉलो कर सकते हैं. )