हाल ही में यूपी ATS ने अलकायदा के कई आतंकियों को गिरफ्तार किया था. पकड़े गए मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन के तीन साथियों में से एक शकील भी है. अलकायदा के अंसार गजवातुल हिंद के एरिया कमांडर मिनहाज अहमद के इरादे बहुत खतरनाक थे. अब आतंकियों के असलहा सप्लायर शकील ने एक बड़ा खुलासा किया है. शकील का कहना है कि पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देने के लिए कुकर बम की जगह फ्रूट बम जैसी चीज़ बनाने की तैयारी में थे, ताकि पकड़े न जा सकें
मिनहाज करता था प्लानिंग
जानकारी के मुताबिक, एटीएस द्वारा मिनहाज अहमद और मसीरुद्दीन की गिरफ्तारी के बाद पकड़े गए उसके तीन साथियों में से एक अंसार गजवतुल हिंद के एरिया सब कमांडर बताए जा रहे शकील ने ये खुलासा किया है. आतंकियों को फ्रूट बम बनाने का विचार केरल के हथिनी कांड से आया. केरल के मल्लपुरम में जून 2020 में तस्करों ने एक गर्भवती हथिनी की जान लेने के लिये अनन्नास में बम रखकर उसे खिला दिया था, जिसके खाने के बाद बम उसके पेट में फटने से उसकी मौत हो गई थी.
शकील के अनुसार मिनहाज को फ्रूट बम का आइडिया एक साल पहले हुई इसी घटना से आया था. वो हैंड ग्रेनेट को फ्रूट बम के तौर पर रखने की तैयारी में थे, जिसे फल के अंदर रखना था. चूंकि हैंड ग्रेनेड में विस्फोट के लिये पिन निकालनी पड़ती है. इसके विकल्प में वो फ्रूट बम पर दबाव पड़ते ही विस्फोट होने के आइडिया पर काम कर रहे थे. उनका खयाल था कि भीड़भाड़ वाले स्थान पर फ्रूट बम रखने के बाद जानवर के उसे खाते ही विस्फोट हो और इससे जान माल का नुकसान हो. शकील की मानें तो मिनहाज कहता था कि प्रेशर कुकर बम सालों से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने में इस्तेमाल होता रहा है. एक तो कुकर की साइज बड़ी होने के चलते उसको कहीं पर भी रखने में दिक्कतें हैं और दूसरा कुकर को देखकर लोगो को शक भी होता है. ऐसे में ऐसी चीज में बम रखा जाए जिसे रखने में न शक को न कोई खतरा बल्कि उससे नुकसान ज्यादा हो.
अब तक पांच गिरफ्तार
एटीएस ने अलकायदा से जुड़े अंसार गजवातुल हिंद के पांच आतंकियों को गिरफ्तार किया है. इनके कानपुर से करीबी रिश्ते सामने आए हैं. संगठन का राष्ट्रीय कमांडर उमर हलमंडी भी पूर्व में कानपुर का दौरा कर चुका है. पांचों आतंकियों से मिले इनपुट और मोबाइल फोन कॉल रिकॉर्ड के आधार पर कानपुर में 27 लोगों से पूछताछ की गई है. इसमें एक विश्वविद्यालय का प्रोफेसर, बिल्डर व कुछ बड़े अपराधी भी शामिल है.
एटीएस सूत्रों के मुताबिक, चमनगंज के एक हिस्ट्रीशीटर और उसके दो साथियों को छोड़कर बाकी सभी को रिहा कर दिया गया है. इन तीनों को इसलिए रिहा नहीं किया गया, क्योंकि बताया जा रहा है कि तीनों मिनहाज अहमद व शकील के संपर्क में थे. असलहा व बारूद की सप्लाई का ठेका इन्हें ही दिया गया था. छोड़े गए लोगों के आधार कार्ड, पासपोर्ट, पैन कार्ड आदि आवश्यक दस्तावेज अभी एटीएस के पास हैं. सूत्रों के मुताबिक, यह लोग जाजमऊ, चकेरी, लालबंगला, मछरिया, बेकनगंज और कल्याणपुर क्षेत्रों के रहने वाले हैं.
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