पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के वेस्ट यूपी के शामली, मुजफ्फरनगर और गाजियाबाद से गिरफ्तार चार सदस्यों से पूछताछ के दौरान एटीएस (ATS) को अहम सुराग हाथ लगे हैं। ऑल इंडिया इमाम काउंसिल के वेस्ट यूपी अध्यक्ष मोहम्मद शादाब अजीज (Mohd Shadab Aziz) ने पूछताछ में कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। एक अफसर के मुताबिक, वेस्ट यूपी के अलग-अलग स्थानों पर पीएफआई ने अपने सदस्य जोड़े, जिन्हें केरल में हथियारों की ट्रेनिंग भी दी गई।
पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने कही ये बातें
मोहम्मद शादाब अजीज कासमी शामली जिले के थानाभवन के गांव सौंटा का रहने वाला है। एटीएस के अनुसार, शादाब अजीज कासमी ऑल इंडिया इमाम काउंसिल क पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष समेत पीएफआई का मेंबर भी रहा है। जिससे 22 सितंबर को एंटी टेरिस्ट स्कवाएड की टीम ने अरेस्ट किया।
उसने पूछताछ में बताया कि अलग अलग स्थानों पर पीएफआई से लोगों को जोड़ा। हमारा मकसद था कि भारत को खंडित कर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाये जाने का षड़यंत्र में लोगों को जोड़ा जाए। अलग अलग स्थानों पर मुस्लिमों को उकसाकर हिंदुओं को टारगेट किया जाए।
वहीं, मुफ्ती शहजाद पुत्र मोहम्मद उमरे गाजियाबाद के मुरादनगर थाना क्षेत्र के नेकपुर गांव का रहने वाला है। मुफ्ती शहजाद पीएफआई यूपी का एडहाक कमेटी का मेंबर भी है। मुफ्ती शहजाद के खिलाफ इससे पहले भी मेरठ के लिसाड़ीगेट में मुकदमा दर्ज हुआ था। जो लंबे समय से पीएफआई से जुड़ा रहा। यह मेरठ में पीएफआई का जिलाध्यक्ष भी रहा। जो 20 दिसंबर 2019 को हुई सीएए हिंसा में भी शामिल रहा। जिसे 7 जून 2020 को एटीएस और मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
उधर, शामली जिले के कैराना थाना क्षेत्र के मामोर गांव निवासी मौलाना साजिद पीएफआई से जुड़ा होने के साथ मदरसे में भी प्राचार्य भी रहा है। जो बच्चों को देश विरोधी ताकतों के बारे में जानकारी देता था। जिसके पास से एटीएस ने धार्मिक किताबें बरामद की हैं। इनमें से एक किताब पर लिखा था कि मुस्लिमों को अपनी अधिक से अधिक जनसंख्या बढ़ानी होगी। हिंदुओं को नुकसान पहुंचाना ही पीएफआई का लक्ष्य है। बाबरी मस्जिद का पुन: निर्माण कराने के लिए भी कुछ स्थानों पर मौलाना साजिद ने उकसाया।
मोहम्मद इस्लाम कासमी मुजफ्फरनगर के फुगाना थाना क्षेत्र के जोगियाखेड़ा गांव का रहने वाला है। यह भी पीएफआई से जुड़ा है। जो देश विरोधी ताकतों में शामिल था। एटीएस को पूछताछ में मोहम्मद इस्लाम कासमी ने बताया कि मैं अपने साथियों के साथ कई बार धार्मिक कार्यक्रम में शामिल रहा। हथियारों की ट्रेनिंग केरल में ली गई। हमारा उद्देश्य था कि देश विरोधी ताकतों को एक साथ करना।
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भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने संबंधी किताबें
एक अधिकारी के अनुसार चारों आरोपियों को एटीएस ने खरखौदा थाने में दाखिल किया। एटीएस को पूछताछ में चारों आरोपियों ने बताया कि भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाये जाने से संबंधित हमारे पास अलग अलग पुस्तकें हैं। वहीं केरल के मंजीरी में पीएफआई के ट्रेनिंग कैंप में हमें हथियारों की ट्रेनिंग दी गई। बाहर यदि कोई पूछता तो बताते कि जूड़ो कराटे की ट्रेनिंग है। इस संबंध में मोबाइल कॉल पर कभी किसी को कुछ भी बात नहीं की। अपने मिशन को बहुत सीक्रेट तरह से अंजाम देने में लगे थे।
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