भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को योगी सरकार गंभीर, पिछले 6 सालों के दौरान बिजली विभाग में हुए सभी कार्यों-परियोजनाओं का ‘थर्ड पार्टी’ से करा रही ऑडिट

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने को बेहद गंभीर दिखाई दे रही है. और यही वजह है कि राज्य सरकार पिछले लगभग छह सालों के दौरान विभाग में हुए सभी कार्यों और परियोजनाओं का आडिट करा रही है. राज्य के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा (Shrikant Sharma) ने यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 से 2019 के बीच बिजली विभाग के अंतर्गत हुए सभी कार्यों का आडिट कराने के पीछे उद्देश्य यह पता लगाना है कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी या भ्रष्टाचार तो नहीं हुआ है.


श्रीकांत शर्मा ने बताया कि हम बिजली विभाग के अंतर्गत वाराणसी, आगरा, मेरठ और लखनऊ समेत अन्य जगहों पर 2014 से 2019 के बीच हुए सभी कार्यों का तीसरे पक्ष (स्वतंत्र एजेंसी से) आडिट करा रहे हैं. यह पूछे जाने पर कि कुल कितनी लागत की परियोजनाओं का ऑडिट कराया जा रहा है, उन्होंने कहा, ‘ऊर्जा विभाग के तहत जो भी कार्य के लिये बजट आबंटित किये गये हैं, वे सभी इसके दायरे में आएंगे.


बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार राज्य बिजली वितरण कंपनियों की माली हालत में सुधार लाने और बिल वसूली प्रक्रिया को दुरूस्त करने के लिये सरकारी कार्यालयों और विधायकों तथा सांसदों समेत सभी जन प्रतिनिधियों के यहां स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने जा रही है. सरकारी विभागों पर 13,000 करोड़ रुपए से अधिक बकाये के बीच अगले महीने 15 नवंबर से शुरू इस अभियान के पहले चरण में एक लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है. 


स्मार्ट प्रीपेड मीटर में ग्राहक को मोबाइल फोन की तरह मीटर रिचार्ज कराना होता है और रिचार्ज के हिसाब से ही वह बिजली का उपभोग कर सकेंगे. इससे अन्य बातों के अलावा जहां एक तरफ बिजली चोरी पर अंकुश लगेगा वहीं ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा मिलेगा. एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि पूरे प्रदेश में अभी लगभग 7 लाख से अधिक स्मार्ट प्रीपेड लगाये जा चुके हैं और 2022 तक पूरे प्रदेश में सभी ग्राहकों को इसके दायरे में लाया जाएगा. नुकसान से जुड़े एक सवाल के जवाब में शर्मा ने कहा कि राज्य में बिजली क्षेत्र का घाटा कुल मिला कर लगभग 72,000 करोड़ रुपए से ऊपर पुंहच गया है. हमारा लक्ष्य 2032 तक इसे दस हजार करोड़ रुपए से भी नीचे लाना है.


ऊर्जा मंत्री के अनुसार प्रदेश में बिजली चोरी रोकने के लिए पांचों डिस्कॉम के तहत 75 थाने खोले जा रहे हैं. इसके लिए सरकार ने 2,050 पदों का सृजन किया है. अब तक 68 थाने खुल चुके हैं. इनमें तैनात पुलिसकर्मियों के लिए वेतन और दूसरे खर्चों का भार पावर कॉरपोरेशन खुद उठाएगा. उन्होंने बताया कि इन थानों के लिए 75 निरीक्षक, 375 उपनिरीक्षक, 675 मुख्य आरक्षी, 150 मुख्य आरक्षी कंसोल ऑपरेटर और 675 सिपाहियों के पद मंजूर किए गए हैं. इन थानों में तैनात पुलिसकर्मियों और अन्य कर्मचारियों का काम जिले के हर इलाके में बिजली रोकना है.


Also Read: बिजली कर्मियों का PF घोटाला: योगी सरकार ने दिए CBI जांच के निर्देश, नियमों को ताक पर रख अखिलेश सरकार ने निजी कंपनी में कराया था निवेश


( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )