प्रयागराज की संगम नदी में सूर्यग्रहण के ठीक एक दिन पहले एक दूधिया धारा दिखाई दी थी। जिसको लोगों ने कैमरे में कैद कर लिया। इस नजारे की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। दरअसल, संगमनगरी में सूर्यग्रहण से एक ठीक एक दिन पहले गंगा और यमुना नदियों के साथ ही एक रहस्यमयी तीसरे रंग की धारा भी दिखाई दी। लोगों का कहना है कि 10 से 20 वर्षों में एक बार सरस्वती नदी की सफेद धारा दिखाई देती ही है।
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल
जानकारी के मुताबिक, प्रयागराज में तीन नदियों का मिलन होता है। गंगा-यमुना और सरस्वती। हालांकि सरस्वती विलुप्त हो चुकी हैं, लेकिन अचानक एक तीसरी दुधिया धारा के सामने आने से लोगों के मन में कौतूहल बढ़ गया है। दरअसल, तमाम सवाल खड़े करने वाली यह रहस्यमयी तीसरी धारा सिर्फ कुछ मिनटों तक ही दिखाई दी।
मौके पर मौजूद छगन निषाद नाम के एक नाविक ने इसकी कुछ तस्वीरें अपने मोबाइल फोन पर रिकार्ड कर लीं। ये तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं और इन्हें लेकर लोग जमकर कयासबाजियां कर रहे हैं। कोई इसे विलुप्त हो चुकी सरस्वती की धारा बता रहा है तो कोई ग्रहण का चमत्कार तो कोई कुछ और।
विद्वान कह रहे ये
प्रयागराज के योग गुरु आनंद गिरी भी इस धारा को गंगा यमुना के बीच विराजमान अदृश्य सरस्वती की धारा ही मान रहे हैं। उनके मुताबिक संगम पर दिखने वाली ये सफेद धारा विलुप्त सरस्वती की ही है। स्वामी आनंद गिरी का कहना है कि ये कुछ और नहीं बल्कि विलुप्त हो चुकी सरस्वती की धारा थी।
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