कर्नाटक (Karnataka) के बेलगावी में स्थित नियाज रेस्टोरेंट (Niyaaz restaurant) ने अपनी बिरयानी (Biryani) का प्रचार करने के लिए हिंदू संतों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की है। विज्ञापन में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि संत के भेष में एक व्यक्ति आसन पर भगवा पहने बैठा है और बाकी सभी अन्य लोग उसके अनुयायी बनकर उसे सुन रहे हैं। नियाज के विज्ञापन में लिखा है, ‘गुरुजी, नियाज चखने के बाद कहते हैं बलिदान नहीं बिरयानी देना होगा। इस पोस्ट को नियाज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी शेयर किया था। इसमें लिखा था, ‘हमारी बिरयानी बाकी बिरयानियों से कहती है- अहम ब्रहास्मि।’
बिरयानी के विज्ञापन में हिंदू संत की तस्वीर वाले पोस्टर जारी किए जाने से हिंदू संगठनों में भारी आक्रोश है। हिंदुओं का कहना है कि ऐसे विज्ञापन का क्या मतलब। ये तो पूरी तरह उनकी आस्था को ठेस पहुँचाने का प्रयास है। उन्होंने दावा किया कि होटल प्रबंधन ने हिंदू संतों और हिंदू परंपराओं का अपमान किया है। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेताओं ने पुलिस आयुक्त से मुलाकात कर होटल प्रबंधन के खिलाफ ज्ञापन सौंपा गया है।
उन्होंने होटल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। स्थानीय भाजपा नेताओं ने हिंदुओं से आगे आने और अपना विरोध दर्ज कराने का आह्वान किया। पुलिस विभाग ने परेशानी को भांपते हुए समूह के सभी होटलों को बंद कर दिया और होटल परिसर में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया।
नियाज होटल प्रबंधन ने बाद में विवादित पोस्टर को हटा लिया और हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए माफी मांगी है और अपनी गलती के लिए क्षमा माँगते हुए वीडियो जारी की है। नियाज ग्रुप के एमडी इरशाद सौदागर इस वीडियो में कहते हैं कि इस (विज्ञापन के) कारण से जिन लोगों का भी दिल दुखा है वह उनसे माफी माँगते हैं।
उन्होंने बताया कि मुंबई की एक एजेंसी है जो सोशल मीडिया हैंडल करती है और उसी का उनके साथ कॉन्ट्रैक्ट है। वही लोग ये पोस्ट क्रिएटिव बनाकर शेयर करते हैं। वह कंपनी की गलती पर दिल से माफी माँगते हुए कहते हैं कि उनका काम 30-40 साल से चल रहा है और उनके ग्राहक हर समुदाय के हैं, साथ ही उनका स्टाफ भी हर समुदाय से है।
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