धर्म परिवर्तन कराने वाले गिरोह के चंगुल में फंसकर अब्दुल कादिर (Abdul Qadir) बने कानपुर (Kanpur) के काकादेव हितकारी नगर मोहल्ले के मूक-बधिर युवक आदित्य गुप्ता (Aditya Gupta) ने अपना मन बदल लिया है। उसने बुधवार की दोपहर अपनी मां के वाट्सएप स्टेटस पर हिंदू धर्म में वापसी करने की घोषणा की। यह परिवर्तन उसकी काउंसिलिंग के बाद देखने को मिला है, जिसका इंतजाम एक सुरक्षा एजेंसी की तरफ से किया गया। काउंसिलिंग में ऐसे एक्सपर्ट को शामिल किया गया, जो दोनों धर्मों का जानकार था। एक्सपर्ट ने मुस्लिम चरमपंथियों द्वारा ब्रेनवाश करते समय आदित्य के मन में भरी गलत धाराओं का सच बताकार उसके मन को परिवर्तित कर दिया।
काउसंलर ने आदित्य को सच का आईना
आदित्य के परिजनों के अनुसार, बुधवार की सुबह एक सुरक्षा एजेंसी के कुछ अधिकारी उनके घर आए। उनके साथ काउंसलर भी थे। उन्होंने आदित्य से करीब 2 घंटे तक पूछताछ की। विशेषज्ञ ने उससे मुस्लिम धर्म पर ढेरों बातें की। इस दौरान पता चला कि धर्मांतरण के लिए तैयार करने के लिए कई गलत तथ्यों को आदित्य के दिमाग में भरा गया था। विशेषज्ञ ने उन बिंदुओं को पकड़ा और एक एक करके उसका एक्सप्लेनेशन कर धर्मांतरण के लिए बोले गए झूठ को बताया।
यही नहीं, सुरक्षा एजेंसियों ने उसे यह भी चेतावनी दी कि वह और उसके साथ सभी पुलिस और अन्य एजेंसियों की निगाह में हैं, जरा सी गड़बड़ी पर कार्रवाई भी हो सकती है। परिजनों के अनुसार, टीम के जाने के बाद आदित्य के व्यवहार में तेजी से बदलाव दिखा। उसने लंबे-लंबे हो चुके बालों को कटवाया। लंबे समय से वह कोल्ड ड्रिंक नहीं पी रहा था, क्योंकि उसे इसका प्रयोग हराम बताया गया था, मगर उसने खुद कोल्ड ड्रिंक मंगाकर पीया।
यही नहीं, दोपहर बाद उसने मां के वाट्सएप स्टेटस पर वापसी की घोषणा की। आदित्य ने लिखा- प्लीज डू नॉट बैड आदित्य, आदित्य सेल्फ लीव मुस्लिम, आदित्य लाइक हिंदू लाइफ ओनली, आदित्य नीड जॉब वर्क ओनली। स्टॉप फ्रेंड्स मुस्लिम। इस स्टेटस को पढ़कर उसके घर में खुशी की लहर दौड़ गई। धर्मांतरण मामले में एटीएस की जांच में सामने आया है कि कानपुर में भी गिरोह सक्रिय था। ऐसे में एटीएस की लखनऊ की टीम ने डेरा डाल दिया है। हालांकि, जब से यह मामला सामने आया है गिरो के सदस्य अंडरग्राउंड हो गए हैं।
जब आदित्य ने एग्जाम की कॉपी के हर पन्ने पर लिखा डाला था अल्लाह-अल्लाह
पता चला है कि आदित्य गुप्ता के अब्दुल कादिर बनने का सफर स्कूल से ही शुरू हो गया था। धर्मांतरण कराने वाले लोग कई साल से उसका ब्रेनवाश कर रहे थे। इस बात की पुष्टि आदित्य के स्कूल प्रिसिंपल ने की। आदित्य ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई ज्योति बधिर विद्यालय बिठूर से पूरी की है। साल 2017 में उसने 12वीं परीक्षा पास करने के बाद स्कूल छोड़ दिया। इसी स्कूल में आदित्य की मां लक्ष्मी गुप्ता भी टीचर थीं।
प्रिंसिपल रामदास पाल के मुताबिक, साल 2016 में 11वीं के मिड टर्म एग्जाम चल रहे थे। इस दौरान आदित्य भी एग्जाम में शामिल हुआ। एग्जाम का समय निकला जा रहा था, इसके बावजूद आदित्य कुछ नहीं लिख रहा था। इस पर क्लास में मौजूद टीचर ने उससे पेपर ना लिखने की वजह पूछी, लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा। एग्जाम ओवर होने के बाद जब कॉपी सबमिट की गई, तो आदित्य की कॉपी के हर पन्ने पर केवल अल्लाह-अल्लाह लिखा हुआ था।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )