यूपी पुलिस पर आए दिन भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। ताजा मामला बाराबंकी जिले का है, जहां की पुलिस पर रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नही उन्होंने तो आरोप पत्र की कॉपी प्रधानमंत्री को भी भेजी है। पत्र में एसपी कार्यालय में तैनात दरोगा और सिपाही पर थानों में तैनाती के लिए 50 से अधिक पुलिस कर्मियों से रुपये की अवैध वसूली का आरोप लगाया है। जिसके चलते उन्होंने पीएम ने जांच की मांग की है।
ये है मामला
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री को भेजे गए पत्र में अमिताभ ठाकुर व नूतन ठाकुर ने बताया कि बाराबंकी एसपी बाराबंकी कार्यालय में नियुक्त दरोगा संतोष कुमार सिंह तथा प्रदीप कुमार व विनीत यादव द्वारा थाना जैदपुर, कोतवाली नगर, देवां, सतरिख के लिए 10 हजार, सफदरगंज के लिए 8 हजार, मोहम्मदपुर खाला तथा टिकैतनगर के लिए सात हजार तथा फतेहपुर के लिए पांच हजार रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि रीपोस्टिंग के लिए 20 हजार रुपये ले रहे हैं।
इसी प्रकार सीईआर से नाम हटाने के लिए एक हजार लिए जा रहे हैं। पत्र में पुलिस कर्मियों के शिकायत करने पर ग़ैर जिले व दुर स्थानों में तैनाती कर और सस्पेंड करने की धमकी की शिकायत लिखी गई है। एक्टिविस्ट नूतन ठाकुर ने बताया कि जिले में 50 से अधिक पुलिसकर्मियों की रीपोस्टिंग इसी भ्रष्टाचार के कारण हुई है हम इसकी जांच चाहते हैं। जिसकी मैंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से शिकायत की है।
हुआ आरोपित दारोगा का ट्रांसफर
एनबीटी अखबार की मानें तो थानों में पोस्टिंग और रिपोस्टिंग कि तैनाती में भ्रष्टाचार को लेकर आरोप लगाने वाले पुलिस कर्मी सामने नही आएं है। कैमरा बन्द कर ऑफ द रिकार्ड पुलिस कर्मियों का दावा है कि बिना घूस दिए पुलिस कर्मियों को तैनाती नही मिलती है। हालांकि ये बात सामने आते ही कई दरोगाओं का ट्रांसफर किया गया। जिसमें एसपी कार्यालय में तैनात रहे दारोगा सन्तोष कुमार सिंह की तैनाती वरिष्ठ उपनिरीक्षक देवा कोतवाली में की गई है।
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )