उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार की वापसी हो गई, सीएम पद की शपथ लेने के एक हफ्ते के भीतर योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्ट और लापरवाह अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. सरकार ने भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोपों के चलते पहले सोनभद्र डीएम टीके शिबू (Sonbhadra DM TK Shibu) और अब एसएसपी गाजियाबाद पवन कुमार (Ghaziabad SSP Pawan Kumar) को सस्पेंड कर दिया है. दोनों ही अफसरों पर जनता से जुड़े मामलों में लापरवाही बरतने और करप्शन का आरोप है. वहीं सीएम योगी की इस कार्रवाई से अफसरों में खलबली मच गई है.
पहले बात करते हैं सोनभद्र के डीएम टीके शिबू की. आरोप है कि बतौर जिलाधिकारी सोनभद्र संभाल रहे शिबू से खनन से लेकर कई तरह के अवैध निर्माणों की शिकायतें काफी समय से की जा रहीं थीं लेकिन उन्होंने इन शिकायतों पर कोई एक्शन लेना जरूरी नहीं समझा. इसके अलावा बीते विधानसभा चुनाव में बतौर जिला निर्वाचन अधिकारी काम देख रहे शिबू को लापरवाही बरतते भी देखा गया था. पोस्टल बैलेट सील न करने का मुद्दा का काफी चर्चा में आया था. तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं थीं यहां तक कि पूरे जिले का मतदान रदद् करने की नौबत आ गई थी. तब जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर किसी तरह मामले को संभाला गया था.
वहीं अगर एसएसपी गाजियाबाद पवन कुमार के निलंबन की वजहों को तलाशें तो याद कीजिए हाल ही में जिले में दिन दहाड़ें लूटमारी की घटना सामने आई थी, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था. बदमाशों ने फायरिंग करके पेट्रोल पंप से करीब 25 लाख हड़प लिए थे. दरअसल पेट्रोल पंप के कर्मचारी कलेक्शन जमा कराने बैंक जा रहे थे, इस दौरान ही इस घटना को अंजाम दिया गया. वहीं दिन दहाड़े हुई इस घटना के बाद इलाके के व्यापारियों में खौफ का माहौल था, जिसे देखते हुए सीएम योगी ने जिम्मेदार अधिकारी एसएसपी को निलंबित कर दिया.
सीएम के आदेश पर तैयार की जा रही दागी अफसरों की लिस्ट
सरकार बनते ही दागी अधिकारियों पर सीएम योगी का चाबुक चलता देख अब अन्य अधिकारियों में भी खलबली मच गई है. इस खलबली की वजह मुख्यमंत्री के उस आदेश को भी माना जा रहा है, जिसमें उन्होंने भ्रष्ट अफसरों की सूची तैयार करने को कहा है. बताया जा रहा है कि इसके लिए बकायदा विजिलेंस और सीबीसीआईडी के साथ स्क्रीनिंग कमेटी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. साथ ही साथ एसआईटी को भी जांच के लिए लगाया गया है. कहा तो ये जा रहा है कि कई अपर मुख्य सचिव स्तर के अधिकारी भी सीएम की रडार पर है, जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं और फाइलों को लंबित रखने का काम कर रहे हैं. ऐसे में आने वाले वक्त में हमें कुछ और बड़े अफसरों पर कार्रवाई देखने को मिल सकती है.
( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )