उत्तर प्रदेश के चंदौली (Chandauli) जिले के मनराजपुर गांव (Manrajpur Case) में पुलिस दबिश के दौरान युवती की संदिग्ध मौत पर सियासत तेज हो गई है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सोमवार को चंदौली पहुंचकर कन्हैया यादव (Kanhaiya Yadav) और उनके परिवार से मुलाकात की. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पुलिस प्रशासन और सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस यहां दबिश देने नहीं बल्कि दबंगई दिखाने जाती है. बेटी और परिवार कह रहा है कि पुलिस ने जान ली. अखिलेश ने कहा, ‘जो सरकार पुलिस को चुनाव जिताने में लगा दे, उस सरकार से क्या उम्मीद करोगे. दलाली का सेंसेक्स थाने में बढ़ रहा है.
अखिलेश यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा ”मैं परिवार से मिलकर आ रहा हूं, परिवार के सदस्य दुखी हैं और तकलीफ में है. उन्होंने अपनी बेटी खोई है. उसकी बहन अभी भी उस सदमे से बाहर नहीं आ पाई है. वह उस सदमे में इतना परेशान है कि, अभी तक ठीक से उसने खाना नहीं खाया है. मैंने उसके परिवार से पूछा तो उन्होंने बताया कि वह बार-बार रोने लगती है, और वह घटना को याद करती है. पूरे देश में ऐसी घटना नहीं हुई होगी. जहां पुलिस घर में घुस गई हो और दबिश के बहाने दबंगई की हो.
मृतका के पिता पर मुकदमे लगाकर किया जिला बदर
उन्होंने कहा “उत्तर प्रदेश की पुलिस लगातार दबंगई कर रही है, जान बूझकर पुलिस ने उनके पिता पर पहले मुकदमे लगाएं और राजनीतिक दबाव के कारण जिला बदर किया. लेकिन सवाल ये है कि पुलिस को ये अधिकार किसने दिया. पुलिस ने जो कारनामा करके दिखाया है उसकी वजह से बच्ची की जान गई है, फिर पुलिस ने कहानी बनाया की फांसी लगा ली. अगर पुलिस की कहानी मानें, तो क्या पुलिस बताएगी घर में पहले से फांसी लगाई थी या पहले से तैयारी कर रही थी. उन्होंने कहा कि जब से ये सरकार बनी है, तब से उत्तर प्रदेश की पुलिस कहानी बनाने में बहुत आगे हो गई है.”
सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ उत्तर प्रदेश में: अखिलेश
उन्होंने कहा “क्या ललितपुर की घटना कोई भूल सकता है. जिसके साथ घटना हो, चार-चार लोगों ने घटना की हो, उन्हें पुलिस ढूंढ नहीं पाई. जब बेटी वापस थाने में आई तो पुलिस ने उसके साथ ही बलात्कार कर दिया. एसओ जेल जाने वाला है. मैं इससे पहले कि घटना बता सकता हूं, एटा का एक पुलिस अधिकारी दबिश के बहाने घर में गया, जहां उसका पति नहीं पत्नी मिली. पत्नी से पुलिस ने संबंध बनाया, जब वो प्रेग्नेंट हो गई तब, पुलिस दबाव बनाने लगी एबार्शन कराओ. मैं कम से कम उस मां, बहन का धन्यवाद करूंगा जो पुलिस के दबाव के बावजूद हटी नहीं और अंत में पुलिस को जेल जाना पड़ा.
उन्होंने कहा कि पुलिस के कोई एक कारनामे नहीं है. अगर हम आकड़ो में देखें तो सबसे ज्यादा कस्टोडियल डेथ अगर कहीं हो रही है, तो उत्तर प्रदेश में हो रही है. सबसे ज्यादा फेक एनकाउंटर अगर कहीं हो रहा है, तो उत्तर प्रदेश में. सबसे ज्यादा नेशनल हुमन राइट्स से नोटिस किसी पुलिस और सरकार को मिला है, तो उत्तर प्रदेश सरकार को मिला है. महिला आयोग से सबसे ज्यादा नोटिसेज अगर किसी सरकार को मिला तो उत्तर प्रदेश सरकार को मिला है.”
गौरतलब है कि 1 मई को गैंगस्टर कन्हैया यादव को पकड़ने गई पुलिस टीम पर आरोप है कि उसने घर में घुसकर आरोपी की दोनों बेटियों से मारपीट की, जिसमें निशा की मौत गई. इस पूरे मामले में जिलाधिकारी संजीव कुमार ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए हैं. डीएम ने एसडीएम सदर अविनाश कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. उन्हें 15 दिनों के अंदर जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया. इस मामले में एसपी ने जांच एएसपी को सौंपी है, लेकिन पीड़ित परिवार उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहा था. अखिलेश यादव चंदौली दौरे को देखते हुए पीड़िता के घर के आस-पास भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. उधर मामले में पीड़िता के परिजनों ने पुलिस की जांच पर ही असंतोष जाहिर किया है.
INPUT- Santosh Kumar
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