देवरिया: पूर्व सपा सांसद अतीक अहमद के गुर्गों ने बिल्डर को लखनऊ से अगवा कर जेल में लाकर पीटा, लिखवा लीं 4 कम्पनियां

पूर्व समाजवादी पार्टी सांसद अतीक अहमद के गुर्गे ने एक एक बिल्डर को अगवा कर लिया था. बिल्डर का नाम मोहित जायसवाल है और वह लखनऊ के आलमबाग का निवासी बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक अगवा करने के बाद वह मोहित को देवरिया जेल में बंद अतीक अहमद के पास लेकर गए. जहाँ बिल्डर के साथ मारपीट की गयी. उसकी 4 कंपनियों को भी अतीक अहमद ने अपने लोगों के नाम लिखवा दिया उसकी गाड़ी भी छीन ली.

 

कल मोहित जायसवाल ने पुलिस को इसकी जानकारी दी और कृष्णानगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई  तो एसएसपी ने कार्रवाई करने के निर्देश दिए और 2 लोगों को गिरफ्तार करके गाड़ी बरामद कर ली. बिल्डर मोहित जायसवाल का ऑफिस लखनऊ के गोमतीनगर के विराट खंड में है. वह आलमबाग के विश्वेश्वर नगर में रहते हैं.

 

Two Accused Arrested for Builder Kidnap and Beat Him Inside Deoria jail

 

मोहित का आरोप है कि बुधवार 26 दिसंबर को अतीक अहमद के गुर्गे उन्हें अगवा करके अतीक अहमद के पास देवरिया जेल में ले गए थे. जेल में जब वह पहुंचा तो वहां अतीक अहमद का बेटे उमर के अलावा जफरउल्लाह, गुलाब सरवर समेत 10-12 अज्ञात लोग मौजूद थे. वहां मोहित की खूब पिटाई की गई. उसके हाथ की अंगुलियों की हड्डी टूट गई हैं.

 

बिल्डर का आरोप है कि उनकी कंपनी एमजे इंफ्रा के नाम से उनकी चार संपत्तियां हैं जिन्हें दूसरों के नाम लिखवा लिया. इसके अलावा उन कंपनियों में मोहित की बहन का भी शेयर था. मोहित से ही बहन के फर्जी साइन भी करा लिए गए. दरअसल बहन कंपनी में निदेशक हैं. इतना ही नहीं मोहित की कंपनी के सादे लेटर पैड छीन लिए और मोहित का इस्तीफा भी ले लिया. मोहित को धमकी दी गई कि ‘मजबूरी में तुम्हें छोड़ रहे हैं. जेल के भीतर हत्या नहीं कर सकते.

 

मोहित ने लखनऊ के कृष्णानगर थाने में इसकी तहरीर दी थी. इस घटना के बाद से पुलिस ने मोहित और उसके परिजनों की सुरक्षा बढ़ा दी है. इसके अलावा मोहित को एक गनर भी दे दिया है. मोहित ने पुलिस को पूरी कहानी बताई. उन्होंने कहा कि 2 साल पहले वह अपना बिजनेस कर रहे थे. तब अतीक अहमद के गुर्गों ने उन्हें परेशान करना शुरू कर दिया. दो साल पहले दवाब बनाकर पैसा लिया गया. अब पिछले 4 महीने से फिर परेशान करना शुरू कर दिया. मोहित ने करीब 50 कॉल्स की रिकॉर्डिंग पुलिस को सौंपी हैं. यह कॉल्स देवरिया जेल से किए गए थे.

 

अब यहाँ बड़ा सवाल प्रदेश में क़ानून व्यवस्था पर उठ रहा है. कि जिस जेल के भीतर से कैदी इतना शक्तिशाली कैसे हो सकता है. वहीं इस मामले पर देवरिया के जेलर भी कोई उचित जावाब नहीं दे पाए. जिस जेल में एक सिम तक ले जाने की इजाजत नहीं हैं वहां 8-10 लोग असलहा लेकर कैसे घुस गए.

 

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