जमकर खेला, जमकर लड़ा और करोड़ों चेहरों पर ना जाने कितनी बार मुस्कान बिखेरने वाले भारतीय क्रिकेट के ‘फाइटर’ ने आज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है. आज भी वो हारा नहीं है, बस रफ्तार और उम्र के फेर के बीच शायद थोड़ा पीछे रह गया. एक फाइटर जिसने मैदान पर भी हर मैच को जंग की तरह लिया और भारत को दो विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई, फिर जब शरीर पर वार हुआ (कैंसर) तब भी लड़कर लौट आया. उसी फाइटर ने आज मीडिया के जरिए देश को संदेश दे दिया कि सालों के प्यार के लिए शुक्रिया और देश की जर्सी में जो कुछ किया उसे कभी भुलाया नहीं जा सकेगा.
दिलचस्प बात ये रही कि विश्व कप 2019 में रविवार रात विराट सेना ने ऑस्ट्रेलिया को हराया और एक दिन बाद युवी ने संन्यास ले लिया, जिनके बल्ले से 2011 क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जीत निकली थी. युवराज सिंह ने रविवार को ही मीडिया तक संदेश पहुंचा दिया था कि वो सोमवार को मुखातिब होना चाहते हैं. इशारा साफ था कि कुछ बड़ा ऐलान होने वाला है और मकसद भी जाहिर हो चुका था. युवी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास का ऐलान किया और अब वो कभी भी भारत की तरफ से मैदान पर दहाड़ देते नहीं दिखाई देंगे. एक युग का अंत हुआ.
संन्यास का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं बचपन से ही अपने पिता के नक्शेकदम पर चला और देश के लिए खेलने के उनके सपने का पीछा किया. मेरे फैन्स जिन्होंने हमेशा मेरा समर्थन किया, मैं उनका शुक्रिया अदा नहीं कर सकता. मेरे लिए 2011 वर्ल्ड कप जीतना, मैन ऑफ द सीरीज मिलना सपने की तरह था. इसके बाद मुझे कैंसर हो गया. यह आसमान से जमीन पर आने जैसा था। उस वक्त मेरा परिवार, मेरे फैन्स मेरे साथ थे.’
संन्यास के फैसले को लेकर पूछे गए सवाल पर युवराज ने कहा, ‘सफलता भी नहीं मिल रही थी और मौके भी नहीं मिल रहे थे. 2000 में करियर शुरू हुआ था और 19 साल हो गए थे. उलझन थी कि करियर कैसे खत्म करना है. सोचा कि पिछला टी-20 जो जीते हैं, उसके साथ खत्म करता तो अच्छा होता, लेकिन सबकुछ सोचा हुआ नहीं होता. जीवन में एक वक्त आता है कि वह तय कर लेता है कि अब जाना है.’
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