यूपी के गाजियाबाद में थानेदार की कुर्सी पाना पुलिसकर्मियों के लिए आसान नहीं होगा। दरअसल, हाल ही में हुए आईपीएस ट्रांसफर में आईपीएस पवन कुमार को गजियाबाद का कप्तान बनाया गया है। कुर्सी संभालते ही उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर थाने की कुर्सी पर बैठना है तो कानून व्यवस्था साथ-साथ अपराध औार अपराधियों पर भी अंकुश लगाना पड़ेगा। काम सही से करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कार मिलेगा तो वहीं जो पुलिसकर्मी लापरवाही करेगा उसे सजा भी मिलेगी। अपराध समीक्षा बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक स्तर के अधिकारियों के अलावा सभी थानों के एसएचओ व विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारी मौजूद रहे।
एसएसपी ने रखी ये शर्त
जानकारी के मुताबिक, अपनी पहली बैठक में एसएसपी पवन कुमार ने ये साफ कर दिया है कि अगर किसी भी अधिकारी / एसएचओ की शिकायत मिली कि वह कानून व्यवस्था को मजबूत करने और अपराध रोकने के बजाय भ्रष्टाचार में लिप्त है तो उन्हें उस एसएचओ के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने में देरी भी नहीं लगेगी। कप्तान ने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि महिलाओं के साथ घटित होने वाली अपराधिक घटनाओं को रोकने के अलावा थाने और चौकियों में आने वाली हर शिकायत का निस्तारण थाना चौकी पर करने की कवायद शुरू करें।
भ्रष्ट पुलिसकर्मी छोड़ें थानेदार की कुर्सी का मोह
इसके साथ लंबित विवेचनाओं के निस्तारण के अलावा अपराधियों की धर-पकड़ का अभियान शुरू करें। ताकि जनता को किसी तरह की कोई परेशानी उठानी न लड़े। वहीं जिले में होने वाले अपराध का ग्राफ भी कम हो। एसएसपी ने आगे कहा कि एसएचओ अपना कार्य समय से और पारदर्शिता, निष्पक्षता के साथ करते मिलेंगे, वह पुरस्कार के पात्र होंगे और जो अधिकारी भ्रष्ट पाया जायेगा, वह सजा का पात्र होगा। ऐसे पुलिसकर्मी थानेदार की कुर्सी का मोह छोड़ दें।
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