गोरखपुर: 5 साल से पूरी नहीं हुई हत्या की विवेचना, SSP ने 10 थानेदारों को किया तलब

उत्तर प्रदेश के पुलिस अफसर लगातार लापरवाह अधीनस्थों पर कार्रवाई कर रहे हैं। इसी क्रम में गोरखपुर के पीपीगंज थाने में तैनात रहे 10 थानेदारों को एसएसपी ने तलब किया है। इन सभी पर आरोप है कि हत्या के मुकदमे की विवेचना में इन लोगों ने लापरवाही बरती। जिसकी वजह से वर्ष 2017 से यह मुकदमा अभी तक लंबित है। जिसके चलते अब एसएसपी ने सख्ती दिखाई है।

ये है मामला

जानकारी के मुताबिक, 23 जून 2017 को कुशीनगर जिले के जटहां बाजार थाना क्षेत्र में बाजुपट्टी निवासी नगीना प्रसाद के बेटे का शव पेड़ से लटकता मिला था। पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया था। विवेचना में युवक के खुदकुशी करने का प्रमाण मिलने की बात कहते हुए थानेदार ने 20 सितंबर 2017 को फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगा दिया।

बाद में वादी मुकदमा ने आपत्ति करते हुए डीआइजी को प्रार्थना पत्र देकर दूसरे जिले की पुलिस से मुकदमे की विवेचना कराने का आग्रह किया। डीआइजी ने हत्या के मुकदमे की विवेचना नए सिरे से कराने का आदेश देते हुए गोरखपुर स्थानांतरित कर दिया।

पांच साल से चल रही जांच

बता दें कि पीपीगंज थाना पुलिस 13 नवंबर 2017 से ही इस मुकदमे की विवेचना कर रही है, लेकिन अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। इस बीच वादी मुकदमा ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बाद एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने पीपीगंज थाने में तैनात रहे राज प्रकाश सिंह, सौरभ राय, देवेंद्र कुमार, अरुण पंवार, दुर्गेश सिंह, धर्मेंद्र पांडेय, आशुतोष सिंह, दिनेश मिश्रा, राजेंद्र मिश्रा व सत्य प्रकाश सिंह को नोटिस जारी कर तलब किया है। इसके साथ ही सभी को बयान दर्ज करने का आदेश भी जारी किया गया है।

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