महाराष्ट्र सरकार (Maharastra Government) में मंत्री और भाजपा (BJP) नेता नितेश राणे (Nitesh Rane) ने हाल ही में मदरसों और मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादित बयान दिया, जिससे प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। राणे ने कहा कि मदरसों में उर्दू की बजाय मराठी पढ़ाई जानी चाहिए और मुसलमानों को अजान मराठी भाषा में देनी चाहिए। यह बयान उन्होंने कांग्रेस द्वारा मुंबई के कुछ क्षेत्रों में मराठी स्कूल खोलने के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए दिया।
राणे की तीखी टिप्पणी
राणे ने कहा, ‘कांग्रेस को मराठी स्कूल खोलने की ज़रूरत क्यों पड़ रही है? विपक्ष को मुस्लिम समुदाय से कहना चाहिए कि वे अजान मराठी में दें। हमारे मंदिरों के बाहर ‘जय श्रीराम’ के नारे गूंजते हैं, लेकिन दुकानों के अंदर ‘अब्दुल’ बैठा है।’ इस टिप्पणी को लेकर विपक्षी दलों ने तीखा विरोध दर्ज कराया है।
विपक्ष का पलटवार – भाषा और धर्म को न मिलाएं
AIMIM नेता वारिस पठान ने राणे के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भाजपा नेता समाज में धर्म और भाषा के नाम पर नफरत फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता अमीन पटेल ने कहा कि मदरसों में पहले से ही हिंदी, अंग्रेज़ी और कई जगहों पर मराठी भी पढ़ाई जाती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अजान एक धार्मिक अनुष्ठान है, जो अरबी में होती है और इसे किसी भाषा से जोड़ना सही नहीं है।
कांग्रेस का रुख – जबरन भाषा थोपना नहीं स्वीकार्य
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सापकाल ने कहा कि पार्टी मराठी भाषा सिखाने के पक्ष में है लेकिन जबरन किसी पर तीसरी भाषा थोपे जाने के खिलाफ है। उन्होंने कहा, हम हिंसा या टकराव नहीं चाहते, बल्कि सबको जोड़ने वाली नीति में विश्वास रखते हैं।
‘गोल टोपी-दाढ़ी वाले हरे सांप हैं’- राणे का और विवादित बयान
11 जुलाई को मुंबई में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान राणे ने मुस्लिम समुदाय को लेकर और विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा, ‘मैं हिंदुओं के वोट से चुना गया हूं। जिन लोगों ने मुझे वोट नहीं दिया, वे मेरे लिए ‘हरे सांप’ हैं।’ उन्होंने दावा किया कि मुंबई का डीएनए हिंदू है और वे केवल हिंदुओं के हित के लिए काम करेंगे।
मनसे पर हमला
राणे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) पर भी हमला बोला और कहा कि मनसे गरीब हिंदुओं को टारगेट करती है, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोगों पर कार्रवाई से बचती है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जब मुसलमान बहुल इलाकों में जाते हैं तो उनके तेवर नरम हो जाते हैं। यह बयान एक सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर राजश्री मोरे और मनसे नेता के बेटे के विवाद के बाद आया है।इन बयानों के बाद राज्य की राजनीति में तनाव बढ़ गया है और कई राजनीतिक दलों ने मुख्यमंत्री से राणे पर कार्रवाई की मांग की है।