जहां एक तरफ सरकार लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक कर रही है, वहीं मार्केट में अब नकली वैक्सीन की खेप भी बिकने लगी है। दरअसल, वाराणसी में फेक वैक्सीन बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। एसटीएफ ने नकली कोविशील्ड, जाइकोव डी वैक्सीन और नकली कोविड टेस्टिंग किट बनाने वाले गिरोह का खुलासा किया है। एसटीएफ के अफसरों की मानें तो इन सभी की कीमत तकरीबन चार करोड़ है। पुलिस इस गिरोह के नेटवर्क की छानबीन में जुट गई है कि अब तक किन-किन राज्यों में इसकी सप्लाई हुई है।
एसटीएफ ने मारा छापा
जानकारी के मुताबिक, STF और IB के डेढ़ साल की मेहनत के बाद नकली कोरोना से संबंधित दवा और वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री को वाराणसी के मकान में पकड़ा। छापे के दौरान टीम के होश उड़ गए, क्योंकि लगभग 4 करोड़ रुपये का नकली कोरोना वैक्सीन, टेस्टिंग किट और रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद किया गया। साथ ही भारी मात्रा में पैकिंग मैटेरियल और मशीनें भी बरामद हुई। नकली टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक बरामद किया गया।
पूछताछ में फैक्ट्री से पकड़े गए राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था व लक्ष्य जावा को सप्लाई करता था, जो अपने नेटवर्क के द्वारा अलग अलग राज्यों में सप्लाई करता था। पूछताछ में सामने आया कि मकान BHU से रिटायर्ड लैब टेक्नीशियन राजेंद्र प्रसाद का है। राजेंद्र अपने परिवार के साथ चुरामनपुर में रहते हैं। मकान के आस-पास रहने वाले लोगों ने बताया कि लगभग छह माह से राजेंद्र के घर में 5-6 युवा लड़के रहते हुए दिखाई देते थे। इससे ज्यादा किसी को कोई जानकारी नहीं हैं
ये लोग हुए गिरफ्तार
वहीं छापेमारी के बारे में STF के एडिशनल SP विनोद कुमार सिंह ने बताया कि आरोपियों की शिनाख्त सिद्धगिरी बाग स्थित धनश्री कांप्लेक्स के राकेश थवानी, बौलिया लहरतारा के अरुणेश विश्वकर्मा, पठानी टोला चौक के संदीप शर्मा, बलिया जिले के नागपुर रसड़ा के शमशेर और नई दिल्ली के मालवीय नगर के लक्ष्य जावा के तौर पर हुई है। आरोपियों से पूछताछ जारी है।
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