यूपी: इस थाने में ‘स’ नाम के कोतवाल की तैनाती से आता है संकट, खतरनाक है इतिहास

यूपी के कई थानों के अजीब अजीब किस्से है, जिनको सुनकर लोग भी आश्चर्यचकित हो जाते है। मामला गोरखपुर के शाहपुर थाने का है, जहां ऐसा माना जाता है कि जब कभी भी ‘स’ नाम से कोई कोतवाल वहां तैनात होता है तो काफी दिक्कत होती है। ऐसा नहीं है कि ये सिर्फ बातें हैं। कई चीजों को देखते हुए ही ऐसा कहा जाता है। आइए आपको भी बताते हैं उन किस्सों के बारे में जिनकी वजह से ये कहा जाता है।


इस मामले ने ताजा की पुरानी यादें

अगर ताजे मामले की बात करें तो गोरखपुर विधायक के भाई और शाहपुर कोतवाल के बीच छिड़ी जंग का है। गाड़ी लड़ने के मामूली विवाद में विधायक के भाई की कथित पिटाई मामले में शाहपुर इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह विवादों में घिरे हैं। ऐसी बात सामने आ रही है कि थाने के दारोगा और सिपाहियों ने इंस्पेक्टर के कहने पर ही विधायक के भाई को पीटा था। इस मामले के सामने आने के बाद लोग कहने लगे हैं कि ‘स’ नाम से जब भी कोई थानेदार यहां पोस्टेड होता है तब ही बवाल होता है।


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हो चुकी हैं कई मौतें

वहीं अगर पुरानी लोगों की मानें तो गोरखपुर का शाहपुर थाना 1980 में बना। तब से 2006 तक वहां नौ लोगों की मौत हुई। थाने के निर्माण में छत की शटरिंग गिरने के दौरान कई मजदूर घायल हो गए थे। इसमें तीन की मौत हो गई थी। थाना बनकर तैयार हो गया पर मौतों का सिलसिला जारी रहा।


इसके बाद 31 जनवरी 2001 को राजेश शर्मा नाम के एक व्यक्ति की पिटाई के बाद लॉकअप में मौत हो गई। तत्कालीन थानेदार संजय सिंह के साथ ही तीन सिपाहियों पर हत्या का केस दर्ज हुआ। शाहपुर थाने के लॉकअप में वर्ष 2006 के बाद से ही कोई बंद नहीं किया जाता है। अनहोनी से बचने के लिए किसी की सलाह से थाने में ही हनुमान मंदिर बना दिया गया। बावजूद इसके कोई असर दिखाई नहीं दिया।


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