हाल ही में यूपी के बिजनौर जिले में एक दारोगा ने आरएसएस के नेता को थप्पड़ मार दिया था। जिसके बाद एसपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। मामला यहीं नहीं थमा निलंबित होने के बाद कुछ लोगों ने दारोगा पर जानलेवा हमला कर दिया। जिनकी गिरफ्तारी की मांग दारोगा ने की थी। अभी तक अब जब आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए हैं तो दारोगा ने अपना त्यागपत्र सौंप दिया है। त्यागपत्र सामने आते ही महकमे में हड़कंप मच गया। अधिकारियों पर समझौते का दबाव बनाने का आरोप लगाते हुए दरोगा अरुण कुमार राणा ने त्यागपत्र दे दिया है। उनका इस्तीफा वायरल होने के बाद उन्हें बहाल कर दिया है, साथ ही रिपोर्ट दर्ज कर उन पर हमला करने के आरोप में आरएसएस नेता सहित दो को गिरफ्तार कर लिया गया है।
त्यागपत्र में लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के मुताबिक, बिजनौर जिले में दरोगा अरुण कुमार राणा को आरएसएस के खंड शारीरिक प्रमुख उमंग से मारपीट करने के आरोप में गुरुवार को निलंबित कर दिया गया था। वहीं शुक्रवार को दरोगा मुंह पर कपड़ा बांधे बाइक सवार तीन युवकों ने लाठी-डंडों से हमला कर दिया था। मामले में अभी तक दारोगा की सुनवाई नहीं हुई। जिससे आहत दरोगा अरुण कुमार ने पुलिस महानिदेशक लखनऊ, एडीजी बरेली जोन, डीआईजी मुरादाबाद को भेजे अपने त्यागपत्र में कहा है कि उन पर हमला करने वालों की आज तक गिरफ्तारी नहीं हुई है। वह इसे लेकर सीओ सिटी, एसएचओ हल्दौर व विवेचक से मालूम करते हैं तो उन्हें कह दिया जाता है कि अभी एसपी साहब का आदेश नहीं है।
आरएसएस के कुछ पदाधिकारी रोज उनसे मिलकर या मोबाइल पर बात करके एसपी, सीओ सिटी का नाम लेकर समझौता करने के लिए दबाव बना रहे हैं। कहते हैं कि अगर आरोपी को नुकसान होगा तो दरोगा को भी नुकसान होगा। शासन, प्रशासन पर उनकी बहुत बड़ी पकड़ है। जो वे कहेंगे एसपी साहब वही करेंगे। दरोगा ने आरोप लगाया कि सोमवार को एसएचओ हल्दौर ने फोन करके उनसे कहा कि एसपी साहब ने बुलाया है।
एसएचओ हल्दौर के साथ वे एसपी से मिलने गए तो वहां पर एसपी सिटी भी आ गए। एसपी ने उनसे हंसकर कहा कि चलो अब बहुत हो गया, बहाल कर देंगे। समझौता करने के लिए उन पर दबाव बनाया। दरोगा का आरोप है कि उनके खिलाफ एक बहुत बड़ा षड़यंत्र रचा गया है। इसमें विभाग के ही कुछ वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हैं। योजना के तहत सस्पेंड कराया और इसके बाद उन पर जानलेवा हमला हुआ।
अरुण कुमार राणा अरुण ने इस्तीफे में लिखा है कि षड़यंत्र के तहत उनकी हत्या भी हो सकती है। वह मानसिक व शारीरिक रूप से टूट चुके हैं। घटना के दिन वह किराए के मकान से बाजार सब्जी व अन्य सामान खरीदने जा रहे थे। तब उमंग, पुरू, गौरव, शिवम समेत आठ लोगों ने जान से मारने के इरादे से लाठी-डंडों और धारदार हथियारों से उन पर हमला किया। भरे बाजार में सड़क पर गिराकर मारने लगे। आसपास के लोगों के इकट्ठा होने पर उन्हें अधमरा करके जान से मारने की धमकी देकर भाग गए।
एसपी ने आरोपों को नकारा
एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह ने बताया कि उन पर व अन्य अधिकारियों पर जो आरोप लगाए गए हैं वे गलत हैं। उन पर कोई दबाव नहीं बनाया गया है। दरोगा पर हमला करने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उनकी तलाश में पुलिस की टीम लगी हैं। दरोगा को बहाल कर दिया गया है। दो आरोपी उमंग काकरान और भोलू को गिरफ्तार किया जा चुका है।
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