हाल ही में उन्नाव के एक दारोगा का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था। वीडियो में दारोगा साहब पुलिस की ईमानदारी का बखान करते सुनाई दे रहे थे। साहब कह रहे थे कि पुलिस सबसे इमानदार पैसा लेती है तो काम भी करती है… बड़ी बात ये है कि इस दौरान वहां बैठे अफसर हंस रहे थे उस बात पर। वीडियो वायरल होने के बाद एसपी ने जांच के आदेश दिए थे। जिस पर उनका कहना है कि मामला संज्ञान में आया है, प्रथम दृष्टया दारोगा को निलंबित कर दिया गया है।
ये है मामला
उन्नाव जिले की बीघापुर कोतवाली में तैनात सब इंस्पेक्टर उमेश त्रिपाठी का एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमे वो कहते दिख रहे हैं कि ‘पुलिस से अच्छा कोई विभाग नहीं है, आज भी कोई सबसे ईमानदार है तो वह पुलिस है, अगर पुलिस ने आपसे पैसे ले लिए और कह दिया कि काम करेंगे तो करेंगे और कोई भी विभाग चले जाओ पैसा ले लेगा तो रुला देगा।’
आगे वो कहते दिख रहे हैं कि ‘आप यही देखिए मास्टर साहब लोग हैं, अपने घर में रहते हैं, पढ़ाते हैं, 6 महीना छुट्टी में कट जाती है, कहीं कोरोना आ गया तो साल भर आएंगे नहीं और हम लोग कोरोना आ गया तो भी ड्यूटी पर थे।’ सब इंस्पेक्टर उमेश त्रिपाठी जब यह ज्ञान दे रहे हैं, तब मंच पर मौजूद उनके साथ पुलिस अधिकारी हंस रहे थे।
दारोगा ने दी सफाई पर एसपी ने किया सस्पेंड
वहीं वायरल वीडियो को लेकर दारोगा उमेश त्रिपाठी ने कहा है कि उन्हाेंने सरकार से मिलने वाली सैलरी जो जनता के पैसे होते हैं, उसकी बात की थी। वीडियो को काट-छांटकर और तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। एसपी दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है, प्रथम दृष्टया दारोगा को निलंबित कर दिया गया है। उसके कहने का जो भी उद्देश्य रहा हो लेकिन कहने का तरीका सही नहीं लग रहा है।
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