उत्तर प्रदेश में पुलिसकर्मियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की वजह सामने नहीं आ पा रही है। कानपुर देहात के गजनेर थाना क्षेत्र के पापा चौकी में तैनात 57 वर्षीय सिपाही नरेश चंद्र यादव की सोमवार देर रात गोली लगने से मौत हो गई है। मृतक सिपाही के साथ गश्त पर गए साथी सिपाही ने बताया है कि जब वह एक स्थान पर रुक कर लघुशंका करने लगे, इसी बीच नरेश के सीने में गोली लग गई और वह मौके पर गिर गए।
अचानक सिपाही के सीने में लगी गोली
मिली जानकारी के मुताबिक, मृतक सिपाही नरेश मूलरूप से इटावा के भर्थना थाना क्षेत्र के पाली खुर्द गांव के रहने वाले थे। सूत्र बताते हैं कि वर्तमान में वह परिवार संग कानपुर नगर के श्यामनगर में रह रहे थे। जानकारी के मुताबिक नरेश साथी सिपाही वेदप्रकाश के साथ गश्त के लिए सरवनखेड़ा गए थे।
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इसी बीच वेदप्रकाश एक स्थान पर रुक कर लघुशंका करने लगे इस बीच उनके सीने में गोली लग गई और वह मौके पर गिर गए. यह देख साथी सिपाही वेदप्रकाश ने तुरंत अलाधिकारियों को सूचित किया और घायल नरेश को तुरंत रनियां के निजी अस्पताल ले गए जहां से उन्हें कानपुर रेफर किया गया है।
परिजनों ने कहा- बेटे की हत्या हुई
सूत्रों ने बताया है कि घायल सिपाही को रीजेंसी अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया था, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर कानपुर में रहने वाले परिवारीजन रीजेंसी अस्पताल पहुंचे गए अौर हत्या का अारोप लगाकर में हंगामा करने लगे। जबकि परिजनों ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं था, जिसकी वजह से नरेश आत्महत्या करे।
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कानपुर देहात के एसपी राधेश्याम का कहना है कि प्रथम दृष्ट्या मामला अात्महत्या का ही है। फोरेंसिक टीम मौके पर जांच कर रही है, रिपोर्ट अाने के बाद अागे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में मृतक सिपाही के परिजन इससे हत्या बता रहे है। गश्त के दौरान सिपाही को गोली लगने का कारण पुलिस अफसरों को भी समझ में नहीं आ रहा। साथी सिपाही वेदप्रकाश ने नरेश के खुद ही गोली मारने की जानकारी दी। फिलहाल पुलिस सभी बिंदुओं पर जांच कर रही है।