सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी कानून में तत्काल एफआइआर और गिरफ्तारी का प्रावधान करने वाले संशोधित कानून पर एक बार फिर रोक लगाने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिका और सरकार की पुनर्विचार याचिका को एक साथ 19 फरवरी को सुनवाई पर लगाने का आदेश दिया है.
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बुधवार को यह आदेश न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने जारी किया. इससे पहले नए संशोधित कानून को चुनौती देने वाले एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने संशोधित कानून पर तत्काल रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है, इस पर पीठ ने कहा कि मामले में विस्तार से सुनवाई की जरूरत है.
पीठ ने कहा, हम संशोधित कानून पर फिलहाल रोक नहीं लगा सकते. इस मामले पर विस्तार से सुनवाई जरूरी है. इसके साथ ही सुनवाई 19 फरवरी तक के लिए टाल दी गई. 24 जनवरी को भी कोर्ट ने संशोधित कानून पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
शीर्ष कोर्ट ने सरकारी कर्मचारियों के प्रति दुरुपयोग की घटनाओं का जिक्र करते हुए 20 मार्च को फैसला दिया था कि एससी-एसटी एक्ट में शिकायत पर तत्काल गिरफ्तारी नहीं होगी. अन्य निर्देशों के साथ कोर्ट ने यह भी कहा था कि इस कानून के तहत दर्ज मामलों में लोक सेवक को सक्षम प्राधिकारी की पूर्व अनुमति के बाद ही गिरफ्तार किया जा सकता है.
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