उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के लिए सियासी बिगुल बज गया है. सभी राजनीतिक दलों ने जमीन पर उतरकर विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. इस दौरान विपक्ष दलों में गठबंधन की सुगबुगाहट भी नजर आ रही है. वहीं यूपी में छिड़ी सियासी जंग के बीच एक सर्वे सामने आया है जिसमे एक बार फिर योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) सरकार के आसार दिख रहे हैं. सर्वे के मुताबिक योगी आदित्यनाथ पर जनता का भरोसा बरकरार हैं, वे 43 फीसदी लोगों की पसंद बने हुए हैं. चुनाव से पहले ये सर्वे विपक्षी दलों की नींद उड़ा सकता है.
एक स्वतंत्र एजेंसी मैटराइज न्यूज द्वारा उत्तर प्रदेश के 75 ज़िलों में करवाए गए सर्वे में एक बार फिर भाजपा का परचम सबसे ऊपर नज़र आ रहा है. गत 12 से 22 जुलाई के बीच करवाए गए इस सर्वे में लोगों से कोरोना की दूसरी लहर के बाद योगी सरकार की स्थिति का आकलन किया गया जिसमे अधिकांश ने योगी सरकार में विश्वास व्यक्त करते हुए यह आभास दिया कि अगर तुरंत विधान सभा चुनाव हो जाएँ तो उसमें भाजपा एक बार फिर सरकार बनाएगी.
फिर एक बार योगी सरकार के आसार
सर्वे में अधिकांश लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ को सर्वश्रेष्ठ बताया जबकि दुसरे और तीसरे नंबर पर क्रमशः बसपा की मायावती और सपा के अखिलेश का नाम लिया गया. लोगों से बातचीत के आधार पर यह निष्कर्ष भी निकला कि कोरोना के दौरान मई 2021 में अगर विधानसभा चुनाव होते तो भाजपा को 178 से 182 सीटें ही मिलती और वोट 32 फ़ीसदी मिलते. सीएम योगी के ग्राउंड पर उतरने के बाद स्थितियां तेजी से बदली अगर जुलाई के पहले हफ्ते में चुनाव होते तो भाजपा को 278 से 288 सीटें मिलती और 43 फ़ीसदी वोट जो एक अच्छा बहुमत है.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान और दूसरी लहर के बाद तेजी से बदले यूपी में हालात
कोरोना के दूसरी लहर के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूमिका से 45 फ़ीसदी लोग बहुत अधिक संतुष्ट नज़र आये र 28 फ़ीसदी लोग कुछ हद तक संतुष्ट हैं जबकि केवल 20 फ़ीसदी लोग ही असंतुष्ट मिले. गौरतलब कि खुद कोरोना से जूझने के बाद सीएम योगी ने पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की थी और लगभग 45 ज़िलों का दौरा कर डाला था. इसके बाद हालात तेजी से बदले थे और जनता ने इसकी सराहना भी की थी.
योगी आदित्यनाथ पर लोगों का भरोसा बरकरार
सर्वे के दौरान यह पूछे जाने पर कि 2022 में विधानसभा चुनाव में मतदान का आधार क्या होगा इस पर सबसे ज्यादा 22 फ़ीसदी लोगों ने कहा मुख्यमंत्री उम्मीदवार, दूसरे नंबर पर 12 फ़ीसदी जनता ने कहा कि सरकार के कामकाज के आधार पर वोट करेंगे जबकि 10 फ़ीसदी लोग पार्टी के आधार पर वोट करेंगे. कामकाज के आधार पर योगी 46 प्रतिशत के साथ सबसे ऊपर रहे जबकि 28 फ़ीसदी ने मायावती को और 22 फ़ीसदी लोगों ने ही अखिलेश यादव को बेहतर मुख्यमंत्री बताया.
भाजपा के साथ 64 फीसदी ब्राह्मण वोटर
ब्राह्मण वोटरों वोटरों को लेकर राजनीतिक दलों की सक्रियता के बीच इस सर्वे में परिणाम आया है कि अभी भी 64 फ़ीसदी ब्राह्मण भाजपा के साथ हैं ब्राह्मणों की दूसरी पसंदीदा पार्टी बसपा, फिर कांग्रेस है जबकि इस दौड़ में सपा सबसे पीछे है. दलित वोटरों के बीच बसपा 45 परसेंट समर्थन के साथ सबसे आगे है दूसरे नंबर पर 43 फ़ीसदी दलित वोटर भाजपा के साथ जा रहे हैं.
महिला सुरक्षा के मुद्दे पर 52 फीसदी लोग योगी के साथ
महिला सुरक्षा के लिए एक के बाद एक कदम उठाने पर लोगों का समर्थन योगी आदित्यनाथ के ही साथ दिखाई पड़ा जबकि महिला सुरक्षा के मुद्दे पर 52 फ़ीसदी लोग योगी आदित्यनाथ पर भरोसा जताया. इस मुद्दे पर 34 फ़ीसदी लोग मायावती पर भरोसा करते हैं जबकि इस मुद्दे पर भी अखिलेश यादव का रिकॉर्ड 12 फ़ीसदी के साथ सबसे कम है.
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