इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) 21 जून यानि कि रविवार को लगने वाला है. यह इस साल का पहला सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse 2020) होगा. भारतीय समयानुसार यह ग्रहण (Surya Grahan 2020) सुबह 9 बजकर 15 मिनट से शुरू होकर 10 बजकर 17 मिनट तक रहेगा. सूर्य ग्रहण शुरुआत में आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और 10 बजकर 17 मिनट तक यह पूर्ण सूर्य ग्रहण की तरह दिखाई दे सकता है. पूर्ण सूर्य ग्रहण (Solar Eclipse) रविवार दोपहर को 2 बजकर 2 मिनट पर समाप्त होगा. जबकि आंशिक सूर्य ग्रहण 3 बजकर 4 मिनट पर खत्म होगा. साल 2020 का पहला सूर्य ग्रहण करीब 6 घंटों तक प्रभावी रहेगा. यह सूर्य ग्रहण भारत समेत चीन, अफ्रीका, कांगो, इथोपिया, नेपाल, पाकिस्तान आदि देशों में दिखाई देगा.
21 जून यानी कल रविवार को पड़ने वाले ग्रहण का सूतक काल आज रात 09:15PM से शुरू हो जाएगा. हिन्दू/सनातन धर्म में आस्था रखने वाले लोग सूतक काल मानते हैं। इस दौरान पूजा घर और मंदिरों के पट बंद रहते हैं. लोग ग्रहण सूतककाल से पहले ही अपने देवी देवताओं की पूजा करके उनके पट/गेट बंद कर देते हैं. इसके बाद ग्रहण सूतककाल समाप्त होने पर लोग फिर मंदिर और पूजा घरों को खोलते हैं, मूर्तियों में गंगाजल छिड़कर उन्हें पवित्र करते हैँ और विधिवित पूजा पाठ पहले की तरह शुरू करते हैं.
क्या है ग्रहण सूतककाल?
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, किसी भी पूर्ण ग्रहण के शुरू होने से 12 घंटे पहले और ग्रहण के 12 घंटे बाद का समय ग्रहण सूतककाल कहलाता है. मान्यता है कि इस दौरान मंदिरों में पूजा पाठ या कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता. सूतककाल समाप्त होने के बाद ही मंदिर खुलते हैं और लोग पूजा अनुष्ठान शुरू करते हैं.
क्या करें क्या नहीं
ग्रहण के दौरान खान-पान, शोर, शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि करना अच्छा नहीं माना जाता है. ग्रहण काल के दौरान गुरु मंत्र का जाप, किसी मंत्र की सिद्धी, रामायण, सूंदर कांड का पाठ, तंत्र सिद्धि आदि कर सकते हैं. ग्रहण के बाद पवित्र नदियों में स्नान, शुद्धिकरण करके दान देना चाहिए. इस समय में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नही निकलना चाहिए. ग्रहण काल में सूर्य से पराबैंगनी किरणे निकलती हैं, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक होती हैं.
सूर्य ग्रहण के समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिये. सूर्य ग्रहण के समय किसी भी घातक और धारदार चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. यानि कि इस दिन चाकू, छुरी,ब्लेट, शेविंग मशीन, दरांती, खुरपी, फावड़ा, हल जैसी चीजों का उपयोग नहीं करना चाहिए. इसके साथ ही जिन राशियों पर ग्रहण का अशुभ प्रभाव पड़ने जा रहा है उन्हें भगवान शिव और भगवान विष्णु की उपासना करनी चाहिए. ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान रखना चाहिए. गेरू अथवा गाय के गोबर का पेट पर लेप करना चाहिए.
20 जून यानि आज की रात 9 बजकर 52 मिनट से सूतक काल आरंभ होगा. सूतक काल बहुत महत्वपूर्ण काल होता है. इसका पूरा पालन करना चाहिए. सतूक काल का पालन करने से सूर्य ग्रहण की अशुभता से बचा जा सकता है. पौराणिक मान्यता है कि सूतक के समय किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. यहां तक कि कई मंदिरों के कपाट भी इस दौरान बंद कर दिए जाते हैं. सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए. इस दौरान यात्रा करने से भी बचना चाहिए.
21 जून का सूर्य ग्रहण शक्तिशाली ग्रहण है इसलिए इस खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है. शास्त्रों में सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखना वर्जित माना गया है. ज्योतिष शास्त्री और वैज्ञानिक भी मानते हैं कि सूरज को आमतौर पर भी खाली आंख से नहीं देखना चाहिए. नेत्र विशेषज्ञों की मानें तो डायरेक्ट सूरज को देखने से आंखों में मौजूद लेंस सूरज की रोशनी को रेटिना पर फोकस करता है. ये रोशनी इतनी ताकतवर होती है रेटिना को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.
सूर्य ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर पड़ेगा. सूर्य ग्रहण के समय मंगल जलीय राशि मीन में स्थित होकर सूर्य, बुध, चंद्रमा और राहु पर अपनी दृष्टि डालेंगे. जिससे अशुभ स्थिति बनेगी. वहीं सूर्य ग्रहण के समय 6 ग्रह शनि, गुरु, शुक्र और बुध व्रकी रहेंगे. ग्रह जब व्रकी होते हैं तो पीड़ित माने जाते हैं. इस स्थिति में इन ग्रहों की शुभता में कमी आती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु केतु सदैव वक्री रहते हैं. इस तरह से ग्रहण के समय 6 ग्रह वक्री रहेंगे.
सूर्य ग्रहण से पहले मेष, मिथुन, सिंह, तुला, मकर और धनु राशि वालों के अगर कोई कार्य अधूरे पड़े हुए हैं तो उन्हें आज ही निपटाने की कोशिश करें. 21 जून को सूर्य ग्रहण लग रहा है. जिसका सूतक काल आज रात से आरंभ होगा. इसलिए दिन में ही अधूरे कार्य को पूर्ण कर लें. यह आपके लिए शुभ रहेगा. क्योंकि सूतक काल और ग्रहण के दौरन कोई भी शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं. सूर्य ग्रहण का सूतक 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. ग्रहण का सूतक 20 जून की रात 09:52 बजे से शुरू होगा.सूतक के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते.सूतक के दौरान किए गए शुभ कार्यों के परिणाम अशुभ आते हैं.सूर्य पर ग्रहण का सबसे अधिक प्रभाव मिथुन राशि पर रहेगा. इसलिए मिथुन राशि के जातकों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है.
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