ऊत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आयुष्मान भारत योजना का उद्घाटन करने के दौरान जिले के प्रभारी मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने वियादित बयान देकर बुरे फंस गए हैं। स्वामी प्रसाद मौर्या ने इंसेफेलाइटिस से मरने वाले बच्चों का जिम्मेदार उनके ही परिजनों को बताया है। स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा कि बच्चों की मौत के लिए उनके अभिभावक भी जिम्मेदार हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज के बाद लाते हैं सरकारी अस्पताल
मौर्या ने कहा कि वह पहले झोलाछाप डॉक्टरों से बच्चों का इलाज करवाते रहते हैं। लेकिन बाद में जब बच्चे मरणासन्न हो जाते हैं तब उन्हें सरकारी अस्पताल लेकर आते हैं।
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उन्होंने कहा कि पिछले साल इसी अवधि में जिला अस्पताल में कुल 1,955 मरीज आए थे, जिनमें से 48 मरीजों की मौत हुई थी। इस बार कुल 2155 मरीज आए, जिनमें से 48 की मौत हुई है। इस तरीके से हमने मृत्यु दर पर अंकुश लगाया है।बता दें कि इस साल सिर्फ बहराइच के जिला अस्पताल में ही अब तक 48 मासूम बच्चों की मौत इंसेफेलाटिस और अन्य बीमारियों से हो चुकी है।
सपा नेता ने लगाए थे सरकार पर गंभीर आरोप
बहराइच जिले के जिला अस्पताल में आसपास के जिले जैसे बलरामपुर और श्रावस्ती के मरीज भी इलाज करवाने के लिए आते हैं। बहराइच के जिला अस्पताल में लगातार हो रही बच्चों की मौत उस वक्त सुर्खियों में आ गई जब समाजवादी पार्टी के नेता और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने अस्पताल का दौरा किया था।
दौरे के बाद रामगोविंद चौधरी ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि जिले में संक्रामक रोगों से 80 से अधिक बच्चों की मौत के बाद भी प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने जिले में आने की जरूरत तक नहीं समझी है।