बिहार विधानसभा का सत्र चल रहा था, और सदन में गहमागहमी का माहौल था। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने सवालों की सूची के साथ सरकार को घेरने की तैयारी की थी।तेजस्वी ने पहला सवाल उठाया, “सरकार ने 19 लाख नौकरियों का वादा किया था। अब तक कितनी सरकारी भर्तियाँ हुई हैं?सदन में सन्नाटा छा गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने सहयोगियों की ओर देखा, लेकिन कोई स्पष्ट उत्तर नहीं मिला।
दूसरा सवाल महंगाई और राशन संकट पर था। तेजस्वी ने पूछा, “गरीबों को राशन नहीं मिल रहा है, महंगाई बढ़ती जा रही है। सरकार की नीति क्या है ,उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बीच में टोका, लेकिन तेजस्वी ने अपनी बात जारी रखी।तीसरा सवाल कानून व्यवस्था पर था। “बिहार में अपराध और गैंगवार बढ़ रहे हैं। लॉ एंड ऑर्डर क्यों बिगड़ रहा है?”इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों में हलचल मच गई।चौथा सवाल शिक्षा पर था। “शिक्षकों की बहाली में देरी क्यों हो रही है? सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता गिरती जा रही है।शिक्षा मंत्री ने कुछ आंकड़े पेश करने की कोशिश की, लेकिन तेजस्वी ने उन्हें बीच में रोकते हुए कहा, “आंकड़े नहीं, वास्तविकता की बात करें।”
पाँचवाँ सवाल स्वास्थ्य सेवाओं पर था। “सरकारी अस्पतालों में दवाओं और डॉक्टरों की कमी क्यों है,स्वास्थ्य मंत्री ने जवाब देने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच उनकी आवाज दब गई।छठा सवाल किसानों पर था। “बाढ़ और सूखे से प्रभावित किसानों को मुआवजा कब मिलेगा ,कृषि मंत्री ने कुछ योजनाओं का जिक्र किया, लेकिन तेजस्वी ने उन्हें नाकाफी बताया।
सातवाँ और अंतिम सवाल था, “बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए सरकार ने क्या कदम उठाए हैं?”मुख्यमंत्री ने इस पर कहा, “हम प्रयासरत हैं,” लेकिन विपक्ष ने इसे नाकाफी बताते हुए हंगामा किया।सत्र के बाद, मीडिया से बात करते हुए तेजस्वी ने कहा, “सरकार के पास हमारे सवालों का कोई ठोस जवाब नहीं है। यह जनता के साथ धोखा है।”सरकार की ओर से उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा, “विपक्ष सिर्फ राजनीति कर रहा है। हमने विकास के लिए कई कदम उठाए हैं।बिहार की जनता अब देख रही है कि सरकार इन सवालों का क्या जवाब देती है, या फिर ये मुद्दे आगामी चुनावों में फिर से उठेंगे।
input sanjay chauhan
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