बिहार की राजनीति में हाल के दिनों में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच गठबंधन को लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और महागठबंधन के दरवाजे पूरी तरह बंद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार थक चुके हैं और सरकार रिटायर्ड अधिकारियों के माध्यम से चल रही है।
दूसरी ओर, राजद के कुछ नेताओं ने नीतीश कुमार के महागठबंधन में शामिल होने की संभावना के प्रति सकारात्मक संकेत दिए हैं। उदाहरण के लिए, राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा है कि राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, और यदि नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों का साथ छोड़ते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।
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इन विरोधाभासी बयानों से स्पष्ट है कि राजद के भीतर नीतीश कुमार के साथ गठबंधन को लेकर मतभेद हैं। तेजस्वी यादव जहां उनके साथ किसी भी गठबंधन की संभावना को खारिज कर चुके हैं, वहीं पार्टी के कुछ अन्य नेता इस पर विचार करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। इससे बिहार की राजनीति में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, और आगामी चुनावों में यह देखना दिलचस्प होगा कि ये समीकरण कैसे आकार लेते हैं।