लखनऊ (Lucknow) में सोमवार को ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन (British India Association) के अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में मनकापुर (Mankapur) के राजा और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह (Kirti Vardhan Singh) ने जीत दर्ज की। उन्होंने बलरामपुर राजघराने के महाराजा जयेंद्र प्रताप सिंह को 130 वोटों से हराया। लखनऊ के कैसरबाग स्थित सफेद बारादरी में सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान हुआ। कुल 237 वोट पड़े, जिनमें से 183 वोट कीर्तिवर्धन सिंह को मिले, जबकि जयेंद्र सिंह (Jayendra Singh) को 53 वोट मिले।
12 जिलों की रियासतों ने डाला वोट
इस चुनाव में अवध क्षेत्र की 200 से अधिक रियासतों और तालुकेदारों ने भाग लिया। इनमें लखनऊ, रायबरेली, प्रतापगढ़, गोंडा, अयोध्या, बहराइच, सुल्तानपुर, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव और बाराबंकी जिलों के राजा और तालुकेदार शामिल थे। योगी सरकार के मंत्री और तिलोई के राजा मयंकेश्वर शरण सिंह, राज्यसभा सांसद संजय सेठ, और पूर्व सांसद रानी रत्ना सिंह ने भी मतदान किया।
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हार के बाद बोले बलरामपुर के राजा: ‘ये मेरी जीत है’
नतीजे आने के बाद बलरामपुर रियासत के महाराजा जयेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि यह उनका पहला चुनाव था और मात्र 25 दिन की तैयारी में समर्थकों के साथ उन्होंने सम्मानजनक प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘जो अध्यक्ष बने हैं, वो मेरे बड़े भाई जैसे हैं। कई वर्षों से निर्विरोध चुनाव होते आए हैं, लेकिन इस बार मतदान हुआ ,यही हमारी असली जीत है।’ जयेंद्र सिंह की शादी 2008 में पाकिस्तान के अमरकोट राजघराने की राजकुमारी महालक्ष्मी से हुई थी।
165 साल पुरानी संस्था का गौरवशाली इतिहास
ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन की स्थापना 1861 में बलरामपुर एस्टेट के राजा दिग्विजयनाथ सिंह ने की थी। इसे उर्दू में ‘अंजुमन-ए-हिंद’ कहा गया था। संस्था अवध की रियासतों और तालुकेदारों का प्रतिनिधित्व करती है। यह वही संस्था है जो लखनऊ के प्रसिद्ध कॉल्विन तालुकेदार कॉलेज की प्रबंधन समिति तय करती है। इस संगठन में क्षत्रिय, ब्राह्मण, कायस्थ, खत्री और मुस्लिम समुदाय के कई राजा शामिल हैं।
राजघरानों का गौरव और ऐतिहासिक योगदान
मनकापुर और बलरामपुर राजघराने का इतिहास भी गौरवशाली रहा है। बलरामपुर रियासत के भवनों का डिजाइन इंग्लैंड के प्रसिद्ध आर्किटेक्ट एडविन लुटियंस ने तैयार किया था, जिन्होंने दिल्ली के लुटियंस जोन का भी निर्माण किया। वहीं, मनकापुर राजघराने में 1929 में महात्मा गांधी भी पहुंचे थे। उनके संपर्क में आने के बाद राजा राघवेंद्र प्रताप सिंह स्वतंत्रता आंदोलन में शामिल हुए। उनके पुत्र राजा आनंद सिंह, जो लंबे समय तक ब्रिटिश इंडिया एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे, के निधन के बाद यह पद खाली था, अब उनके पुत्र कीर्तिवर्धन सिंह ने पिता की विरासत संभाल ली है।