बरेली ( Bareilly) में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के निर्देश पर घटनास्थल का जायजा लेने जा रहे 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने अनुमति नहीं दी। इस प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय (Mata Prasad Pandey) कर रहे थे। प्रशासन के आदेश पर उन्हें लखनऊ स्थित उनके आवास पर ही रोक लिया गया, जिसके बाद उन्हें हाउस अरेस्ट कर दिया गया।
दरोगा ने चिट्ठी लिखी, कलेक्टर नहीं: माता प्रसाद पांडेय
हाउस अरेस्ट किए जाने के बाद माता प्रसाद पांडेय ने प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, हमको दरोगा चिट्ठी लिखता है, अगर कलेक्टर लिखता तो मान भी लेते। लेकिन पीजीआई थाने का दरोगा मुझे नोटिस देता है कि आप नहीं जा सकते, आप अंडर अरेस्ट हैं। उन्होंने आगे कहा कि बरेली के डीएम की चिट्ठी में लिखा गया कि उनके आने से माहौल बिगड़ सकता है, इसलिए उन्हें आने की अनुमति नहीं है।
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हम माहौल नहीं बिगाड़ते, प्रशासन अपनी कमियां छिपा रहा है
माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि सपा नेता माहौल बिगाड़ने नहीं, बल्कि सच्चाई जानने जा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन अपनी कमियों और अवैध गिरफ्तारियों को छिपाने के लिए सपा प्रतिनिधिमंडल को बरेली जाने से रोक रहा है। पांडेय ने कहा कि ‘अगर हमें बरेली जाने दिया जाता, तो हमें सरकार की ज्यादतियों और गैरकानूनी कार्रवाइयों की जानकारी मिल जाती, इसलिए रोक लगाया गया।’
अखिलेश यादव लंदन में, रणनीति पर मंथन जारी
नेता प्रतिपक्ष ने बताया कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस वक्त लंदन में हैं, और उनके लौटने के बाद पार्टी इस मामले में आगे की रणनीति तय करेगी। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह पार्टी नेताओं से चर्चा कर रहे हैं कि आगे क्या कदम उठाया जाए।
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प्रतिनिधिमंडल में शामिल थे ये 14 नेता
सपा के इस प्रतिनिधिमंडल में माता प्रसाद पांडेय के साथ सांसद हरेंद्र मलिक, इकरा हसन, जियाउर्रहमान बर्क, मोहिबुल्लाह, नीरज मौर्य, पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन, वीरपाल सिंह, जिलाध्यक्ष शिवचरण कश्यप, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी, विधायक अताउर रहमान, शहजिल इस्लाम, पूर्व मंत्री भगवत शरण गंगवार और प्रदेश सचिव शुभलेश यादव शामिल थे। हालांकि माता प्रसाद पांडेय को रोके जाने के बाद यह अभी स्पष्ट नहीं है कि कोई अन्य नेता बरेली जाएगा या नहीं, लेकिन माना जा रहा है कि प्रशासन किसी भी सपा नेता को वहां जाने की अनुमति नहीं देगा।