भारत में पिछले महीने पॉर्न वेबसाइट पर पूर्णतः प्रतिबंध लगा दिया गया. दरअसल जब से देश में सस्ते दर पर डेटा उपलब्ध हुआ और 4G की सेवाएं मिलने लगी तब से लोगों में पॉर्न का क्रेज तेजी से बढ़ा, खासकर युवाओं और किशोरों में इसे लेकर खतरनाक स्तर तक जुनून बढ़ता जा रहा था. उत्तराखंड उच्च न्यायालय के निर्देश पर केंद्र सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए देश के भीतर सभी तरह के पॉर्न सामग्री देने वाले 827 अश्लील वेबसाइट को बैन कर दिया.
इसी बीच विश्व के सबसे बड़े पॉर्न साइट “पॉर्नहब” के वीपी कोरी प्राइस ने चौंकाने वाला बयान दिया है. उन्होंने कहा कि “पॉर्न साइटों पर प्रतिबंध लगाना भारत के लोगों को लिए अधिक नुकसानदेह होगा. इस प्रतिबंध से लोग खतरनाक अश्लील साइटों पर जाने के लिए बाध्य होंगे जिसमें अवैध और ज्यादा अश्लील सामग्री हो सकती है”.
वह उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर टेलीकॉम मिनिस्ट्री द्वारा उठाए कदम पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे थे. कोरी प्राइस ने ये भी जोड़ा कि “भारत में पॉर्नोग्राफी के खिलाफ कोई कानून नहीं है लोग पॉर्न सामग्री को निजी तौर पर देख रहे हैं.
उन्होंने आगे कहा कि “यह स्पष्ट है कि भारत सरकार के पास देश में एक बहुत ही गंभीर और व्यवस्थित समस्या का समाधान नहीं है, और हमारे जैसे एडल्ट साइटों को बलि का बकरा बनाया गया है.” पोर्नहब वीपी ने ये भी कहा कि उनकी कंपनी सरकारी सेंसरशिप के खिलाफ है और अंततः साइटों को ब्लॉक करने के कदम से निराश है, लेकिन हम सरकार के साथ काम करने के लिए तैयार है जिससे स्थिति को सुधारने में मदद मिलेगा.
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