समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक (Subrata Pathak) के बीच सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी तेज हो गई है। दोनों नेताओं के एक-दूसरे पर किए गए कटाक्ष और जवाबी हमलों से जिले का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। हाल ही में अखिलेश यादव के काले चश्मे वाले व्यंग्य के बाद सुब्रत पाठक ने भी सोशल मीडिया मंचों पर पलटवार कर विवाद को और हवा दे दी।
सुब्रत पाठक का जवाबी हमला
काला चश्मा आँखों को धूप से ठंडक देता है जिससे पहनने बाले की नजर पैनी बनी रहती है , किंतु लाल टोपी उत्तर प्रदेश में आतंक की प्रतीक है और इन टोपी बाजों की टोपी का रंग भले ही लाल हो किंतु ये जाने तो काले कारनामों के लिए ही जाते हैं , कोई सपा अध्यक्ष को समझाये कौआ नाक ले गया ये…
— हिंदू Subrat Pathak (@SubratPathak12) December 18, 2025
पूर्व सांसद सुब्रत पाठक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा करते हुए अखिलेश यादव पर निशाना साधा। उन्होंने लिखा, काला चश्मा आँखों को धूप से ठंडक देता है जिससे पहनने बाले की नजर पैनी बनी रहती है , किंतु लाल टोपी उत्तर प्रदेश में आतंक की प्रतीक है और इन टोपी बाजों की टोपी का रंग भले ही लाल हो किंतु ये जाने तो काले कारनामों के लिए ही जाते हैं , कोई सपा अध्यक्ष को समझाये कौआ नाक ले गया ये सुनकर केवल कौए के पीछे मत भागो पहले अपनी नाक तो देख लो सुरक्षित है की नहीं , अतः ख़ुद का ट्वीट किया पूरा वीडियो तो सुनो फिर बताओ आखिर उसमें गलत क्या है ?
एसआईआर अभियान को लेकर विवाद
विवाद की जड़ उस बयान से जुड़ी है, जिसमें सुब्रत पाठक ने एक कार्यक्रम के दौरान एसआईआर अभियान को समाजवादी पार्टी के लिए नुकसानदेह बताया था। उन्होंने दावा किया था कि इस अभियान से कन्नौज की तीन विधानसभा सीटों में बड़ी संख्या में वोट कट सकते हैं और इससे सपा को गंभीर राजनीतिक नुकसान होगा। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि इस प्रक्रिया से भाजपा को कोई क्षति नहीं पहुंचेगी, क्योंकि कार्रवाई कथित फर्जी मतदाताओं पर ही होगी।
अखिलेश यादव की तीखी प्रतिक्रिया
सुब्रत पाठक के बयान पर अखिलेश यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने वीडियो साझा कर इसे लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ बताया और सवाल उठाया कि क्या वैध मतदाताओं के वोट हटाने की बात की जा रही है। अखिलेश ने चुनाव आयोग से इस मामले में संज्ञान लेने की मांग की और व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा कि ऐसे बयान देने वाले लोग जल्द ही जवाबदेही के दायरे में होंगे। दोनों नेताओं की इस जुबानी जंग से जिले की राजनीति और सोशल मीडिया पर चर्चा लगातार बनी हुई है।


















































