यूपी में 504 ग्राम पंचायतें हुईं कम, अगले साल अप्रैल में चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अगला पंचायत चुनाव 2025 (Panchayat Elections 2025) की अप्रैल में प्रस्तावित है। उससे पहले पंचायती राज विभाग ने बड़ा कदम उठाते हुए राज्य में आंशिक पंचायत पुनर्गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके तहत 504 ग्राम पंचायतों का विलय हो गया है, जिससे अब प्रदेश में कुल ग्राम पंचायतों की संख्या घटकर 57,695 रह गई है।

2021 के मुकाबले 504 पंचायतें कम, 36 जिलों में बड़ी कटौती

वर्ष 2021 में पंचायत चुनाव 58,199 ग्राम पंचायतों में हुए थे, लेकिन इस बार शहरी सीमा विस्तार के कारण कई पंचायतें नगर निकायों में समाहित कर दी गई हैं। कुल 36 जिलों में ग्राम पंचायतों की संख्या में गिरावट आई है।

  • देवरिया: 64 पंचायतें कम
  • आजमगढ़: 47 पंचायतें कम
  • प्रतापगढ़: 45 पंचायतें कम
  • गोरखपुर: 21पंचायतें कम
  • अमरोहा: 21 पंचायतें कम
  • गाजियाबाद: 19 पंचायतें कम
  • फतेहपुर: 18 पंचायतें कम
  • अलीगढ़: 16 पंचायतें कम
  • फर्रुखाबाद: 14 पंचायतें कम

शहरीकरण का असर: गांवों के मजरे हुए अन्य पंचायतों में शामिल

शहरी सीमा में हुए विस्तार के कारण अब ग्राम पंचायतों में शामिल मजरे (छोटे बस्तियां) आसपास की अन्य ग्राम पंचायतों में जोड़ दिए गए हैं। इसके चलते पंचायत वार्डों की संख्या में भी बदलाव तय है। यही बदलाव क्षेत्र पंचायतों की संरचना पर भी असर डालेगा।

मतदाता सूची का पुनरीक्षण जल्द होगा शुरू

चुनाव की तैयारियों के तहत सबसे पहले मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया जाएगा। पंचायत चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए मतदाता डेटा को अद्यतन करना प्राथमिकता में रहेगा।

ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में बड़ा बदलाव संभव

इस बार एक और बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। पंचायती राज मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने केंद्र और राज्य सरकार से यह मांग की है कि ब्लॉक प्रमुख और जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव सीधे आम जनता के वोट से कराया जाए। वर्तमान में यह चुनाव निर्वाचित जनप्रतिनिधियों द्वारा होता है। यदि केंद्र सरकार से अनुमति मिलती है, तो भविष्य में इन पदों पर भी सीधा चुनाव होगा।

( देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं. )