बिकरू कांड को भले ही दो साल से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन आज भी इस हत्याकांड में आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का दौर जारी है। दरअसल, अब बिकरू कांड के छह आरोपी पुलिसकर्मियों को न्यूनतम वेतनमान में नौकरी करने का दंड दिया गया है। इसमें चार दरोगा और दो सिपाही शामिल हैं। इनकी विकास दुबे से मिलीभगत की पुष्टि हुई है। बड़ी बात ये है कि इनमे से कई पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है।
इन पुलिसकर्मियों को मिला दंड
जानकारी के मुताबिक, बिकरू कांड के बाद आठ पुलिसकर्मियों में पूर्व एसओ चौबेपुर विनय तिवारी और बिकरू हल्का इंचार्ज दरोगा केके शर्मा को बर्खास्त कर दिया गया था। दोनों जेल में हैं। बाकी छह आरोपियों की विभागीय जांच चल रही थी। यह जांच एडिशनल पुलिस कमिश्नर मुख्यालय आनंद कुलकर्णी कर रहे थे। उन्होंने अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी।
खबरों की मानें तो रिपोर्ट के आधार पर एसआई अजहर इशरत, एसआई कुंवर पाल सिंह, एसआई विश्वनाथ मिश्रा, एसआई अवनीश कुमार सिंह, सिपाही अभिषेक कुमार और राजीव कुमार को न्यूनतम वेतनमान का दंड दिया गया है।
क्या होता है न्यूनतम वेतनमान
एडिशनल सीपी के मुताबिक न्यूनतम वेतनमान का मतलब है कि जो भी वेतन बढ़ोतरी या प्रमोशन मिला है, वह सब शून्य हो जाएगा। संबंधित को फिर से पहले वेतनमान पर नौकरी करनी होगी। पुलिस विभाग के दंड में यह तीसरी सबसे बड़ी सजा है। ऐसे में अब इन पुलिसकर्मियों को इस मामले में भी दंड भुगतना पड़ेगा।
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