उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति के अभिभाषण के बाद अपने संबोधन में समाजवादी पार्टी (सपा) पर निशाना साधा। उन्होंने सपा के उस प्रस्ताव का विरोध किया जिसमें भोजपुरी, अवधी और ब्रज भाषाओं में विधायकों द्वारा भाषण देने का विरोध किया गया था।
सीएम योगी की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा को घेरते हुए कहा, “ये लोग हर अच्छी बात का विरोध करते हैं।” उन्होंने ब्रज भाषा का उदाहरण देते हुए कहा कि तुलसीदास ने अपनी काव्य रचनाओं के माध्यम से ब्रज भाषा को सम्मानित किया। इसके साथ ही उन्होंने भोजपुरी का जिक्र करते हुए कहा कि इसका डंका सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि मॉरीशस और फिजी जैसे देशों में भी बजता है।
उर्दू के समर्थन में सपा और मुख्यमंत्री का कटाक्ष
मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “सपा यह चाहती है कि लोग उर्दू पढ़ें और मौलवी बने, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। हम कठमुल्लापन को देश में नहीं फैलने देंगे। यह समाजवादियों का दोहरा चरित्र है।” उन्होंने सपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ उर्दू के पक्ष में हैं और भोजपुरी, ब्रज और अवधी जैसी भाषाओं के विरोध में रहते हैं।
भाषाएं हमारी सांस्कृतिक धरोहर हैं: सीएम योगी
योगी आदित्यनाथ ने जोर देते हुए कहा कि भोजपुरी, अवधी और ब्रज जैसी क्षेत्रीय भाषाएं हिंदी की “बेटियां” हैं। उन्होंने सपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि यह लोग अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूलों में पढ़ाते हैं, लेकिन गरीबों के बच्चों को उर्दू तक सीमित रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि हमे उन भाषाओं का समर्थन करना चाहिए जो हमारे देश की संस्कृति और विरासत से जुड़ी हुई हैं। “भाषाएं केवल संवाद का माध्यम नहीं होतीं, बल्कि वे हमारी सांस्कृतिक धरोहर भी होती हैं,” सीएम योगी ने यह भी कहा।
हिंदी और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की जरूरत
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी स्पष्ट किया कि हिंदी के साथ-साथ क्षेत्रीय भाषाओं को भी बढ़ावा देना अत्यंत महत्वपूर्ण है।