लखनऊ में अंसल के खिलाफ तीन और FIR दर्ज, 6.15 करोड़ की धोखाधड़ी का आरोप

लखनऊ (Lucknow) में अंसल एपीआई (Ansal API) के निदेशकों और कर्मचारियों के खिलाफ तीन और मुकदमे दर्ज किए गए हैं। इनमें एक दंपती ने कंपनी पर 6.15 करोड़ रुपये की ठगी का आरोप लगाया है, जबकि दो अन्य व्यक्तियों ने फ्लैट और प्लॉट के नाम पर करीब 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी की बात की है। सुशांत गोल्फ सिटी थाना पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

जमीन में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी

विभूतिखंड निवासी सुनीता अग्रवाल ने आरोप लगाया कि अंसल एपीआई के निदेशक सुशील अंसल और प्रणव अंसल ने अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर उन्हें फर्जी दस्तावेज दिखाकर 6.15 करोड़ रुपये की ठगी की। सुनीता के अनुसार, 2013 और 2014 में उन्हें निवेश के लिए एक आकर्षक प्रस्ताव दिया गया था, जिसमें दस गुना लाभ का लालच था। दोनों आरोपियों ने उन्हें बताया कि यह जमीन पहले उनकी कंपनियों को आवंटित हुई थी, लेकिन कुछ विवाद के कारण वे इसमें निवेश करने के लिए तैयार थे।

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फ्लैट और प्लॉट के नाम पर ठगी

प्रयागराज की सुषमा सिंह ने बताया कि उन्होंने 2010 में अंसल एपीआई से एक प्लॉट बुक कराया था, जिसके लिए 15 लाख रुपये कंपनी को चुकाए थे। कंपनी ने उन्हें 18 महीने में रजिस्ट्री देने का वादा किया था, लेकिन अब तक रजिस्ट्री नहीं की गई और न ही पैसे लौटाए गए।वहीं, शारदा नगर निवासी राकेश कुमार दीक्षित ने बताया कि उन्होंने 2010 में अग्रवाल फर्मा से एक फ्लैट खरीदा था और इसके लिए 6.41 लाख रुपये दिए थे। 12 साल बाद भी न तो फ्लैट मिला और न ही उनका पैसा लौटाया गया।

अंसल एपीआई के खिलाफ (RERA) का रुख

सुषमा सिंह ने इस मामले की शिकायत उत्तर प्रदेश रेरा (RERA) में की थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इन दोनों मामलों ने अंसल एपीआई की छवि पर सवाल उठाए हैं और पीड़ितों को न्याय की उम्मीद अब पुलिस जांच पर टिकी हुई है।

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