हनुमान जी के भक्तों को हमेशा से ही बुढ़वा मंगल का बेहद इंतजार रहता है। बुढ़वा मंगल हिंदी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ महीने में आता है। ज्येष्ठ महीने के मंगलवार का काफी महत्व होता है। इस महीने में आने वाले मंगलवार को लोग काफी पूजा और दान करते हैं। इस बार 17 मई से शुरू होने वाला ज्येष्ठ माह 14 जून तक चलेगा। आज बुढ़वा मंगल है, जिसे हम बुढ़वा मंगल भी बोलते है। इस बार खास बात यह है कि माह का आगाज और समापन मंगलवार को ही होगा। आइए आपको बताते हैं कि आखिर बुढ़वा मंगल को बड़ा मंगल क्यों बोलते हैं।
जानें इसकी पूजा विधि
जानकारी के मुताबिक, आज 17 मई को ज्येष्ठ मास का पहला मंगलवार है। इस बार इस मास में 5 मंगलवार पडेगा। ये पांच मंगलवार हैं:- 17 मई को, 24 मई को, 31 मई को, 7 जून को और 14 जून को है। मान्यताओं के अनुसार, बुढ़वा मंगल के ही दिन भगवान हनुमान पहली बार वन में विचरण करते हुए अपने प्रभु श्री राम से मिले थे।
वहीं दूसरी कथा के अनुसार, महाभारत काल में जब भीम को अपने बल का घमंड हो गया था, तो उस समय भगवान हनुमान जी ने एक बूढ़े वानर का रूप रखकर भीम को परास्त किया था, जिससे भीम का घमंड टूट गया था। इसलिए इस दिन को बड़ा मंगल के रूप में मनाया जाता है।
बड़े मंगल के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। साफ सुथरे और सुखे वस्त्र धारण कर लें। आप चाहे तो लाल रंग के कपड़े पहन लें। इसके बाद भगवान हनुमान को लाल रंग के फूल, सिंदर, अक्षत चढ़ाने के साथ भोग में गुड़-चने की दाल, बूंदी के लड्डू चढ़ा दें। इसके बाद जल अर्पित कर दें। अंत में घी का दीपक, धूप जलाकर हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ कर लें। अंत में विधिवत तरीके से आरती कर लें। ऐसे ही हर बड़े मंगल के दौरान पूजा करें।
आज के दिन करें हनुमान चालीसा का पाठ
बुढ़वा मंगल के दौरान किसी हनुमान मंदिर में जाकर भगवान को सिंदूर और चमेली का तेल मिलाकर बनाया गया लेप जरूर लगाएं। इससे वह जल्द प्रसन्न होते हैं। बुढ़वा मंगल के दौरान हनुमान चालीसा के साथ बजरंग बाण का अवश्य पाठ करें। इससे घर से नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाएगी और सुख-समृद्धि का वास होगा।