Sawan Somwar 2023: भगवान शिव का प्रिय सावन का पावन महीना (Sawan 2023) चल रहा है. इस बार सावन (Sawan 2023) का अधिक मास होने से ये महीना 59 दिन का रहेगा. अधिक मास होने के कारण इस बार सावन मास पूरे 58 दिनों का है, जो 30 अगस्त तक चलेगा. 24 जुलाई 2023 को सावन का तीसरा सोमवार (Sawan 3rd Somwar 2023) होगा. सावन के तीसरे सोमवार को कई शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते इस दिन की गई शिव पूजा का फल कई गुना होकर मिलेगा. इस लेख में जानते हैं कि कौन से शुभ योग हैं.
3 शुभ योग में सावन का तीसरा सोमवार 2023
24 जुलाई को सावन के तीसरे सोमवार पर श्रावण अधिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है. यह तिथि दोपहर 01 बजकर 41 मिनट तक है. इस दिन रवि योग, शिव योग और सिद्ध योग बन रहा है. रवि योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ हो जाएगा और यह रात 10 बजकर 12 मिनट तक है.
तीसरे सावन सोमवार के प्रात:काल से शिव योग बना है, जो दोपहर 02 बजकर 52 मिनट तक रहेगा. वहीं सिद्ध योग दोपहर 02:52 बजे से पूरी रात तक है. इस दिन हस्त नक्षत्र रात 10 बजकर 12 मिनट तक है, उसके बाद चित्रा नक्षत्र है. सोमवार व्रत के दिन का शुभ मुहूर्त या अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से लेकर दोपहर 12:55 बजे तक है.
तीसरा सावन सोमवार 2023 रुद्राभिषेक मुहूर्त
24 जुलाई को रुद्राभिषेक के लिए आवश्यक शिववास प्रात:काल से ही है. इस दिन शिववास नंदी पर है. दोपहर 01 बजकर 42 मिनट तक शिववास है. ऐसे में आप सुबह से लेकर दोपहर 01:42 बजे तक रुद्राभिषेक कर सकते हैं. उसके बाद शिववास भोजन में है. ऐसे में रुद्राभिषेक नहीं करते हैं.
सावन सोमवार पर 5 वस्तुओं से करें रुद्राभिषेक
सावन सोमवार को आप किन्हीं 5 वस्तुओं से रुद्राभिषेक करेंगे तो आपका भाग्य चमक उठेगा. यदि आप माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं तो गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें. धन और दौलत में वृद्धि करना चाहते हैं तो घी या शहद से रुद्राभिषेक करें. शहद से रुद्राभिषेक करते हैं तो आपको सफलता, पद, प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति होगी. गाय के दूध से रुद्राभिषेक करने पर जीवन में सुख और शांति मिलती है. नया भवन या वाहन सुख के लिए दही से रुद्राभिषेक किया जाता है.
सावन के तीसरे सोमवार पर इस विधि से करें पूजा
- सावन के तीसरे सोमवार पर सुबह स्नान के बाद व्रत और शिवजी की पूजा का संकल्प लें.
- सुबह शुभ मुहूर्त में किसी शिव मंदिर में जाकर या घर ही शिवलिंग की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें.
- गंगाजल या दूध से शिवजी का अभिषेक करें.
- इसके बाद भगवान शिव शम्भू को को चंदन, अक्षत, सफेद फूल, बेलपत्र, भांग की पत्तियां, शमी के पत्ते, धतूरा, भस्म और फूलों की माला अर्पित करें.
- इसके बाद शिव जी शहद, फल, मिठाई, शक्कर, धूप-दीप अर्पित करें.
- शिव चालीसा का पाठ और सोमवार व्रत कथा का पाठ करें.
- आखिर में शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाएं और भोलेनाथ की आरती करें.
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