Tokyo Olympics 2020: भारत एक के बाद जीत की श्रेणी में कई पदक देश की झोली में डालता नजर आ रहा है. रेसलर रवि दहिया ने इतिहास रच दिया है. रवि ने सेमीफाइनल में जीत हासिलकर सिल्वर मेडल के लिए अपना नाम पक्का कर लिया है. इसी के साथ अब भारत को कुल 4 पदक मिल चुके हैं. साथ ही सुशील कुमार के बाद कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले दहिया दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. हालांकि फाइनल में गोल्ड जीत उनके पास मेडल का रंग बदलने का मौका है. दहिया से पहले भारत के लिए रेसलिंग में सुशील कुमार (2008, 2012), योगेश्वर दत्त (2012) और साक्षी मलिक (2016) पदक जीत चुके हैं. सुशील कुमार ने लंदन ओलंपिक 2012 में सिल्वर मेडल जीता था. जबकि साक्षी और योगेश्वर के नाम कांस्य पदक है.
रवि दहिया का रहा दबदबा-
रवि दहिया ने पिछले दो मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर खुद के नाम कर लिया. वहीँ दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14.4 से हराया. चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने टिगरेरोस उरबानो के खिलाफ मुकाबले में लगातार विरोधी खिलाड़ी उसके दायें पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में ‘टेक-डाउन’ से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा.
इसके साथ ही एशियाई चैंपियन दहिया ने उस समय 13-2 से जीत दर्ज की जबकि मुकाबले में एक मिनट और 10 सेकेंड का समय और बचा था. भारतीय पहलवान ने दूसरे पीरियड में पांच टेक-डाउन से अंक जुटाते हुए अपनी तकनीकी मजबूती दिखाई.
अंशु मालिक को करना पड़ा हार सामना-
इस मुकाबले के दौरान 19 वर्ष की अंशु मलिक महिलाओं के 57 किलोवर्ग के पहले मुकाबले में यूरोपीय चैम्पियन बेलारूस की इरिना कुराचिकिना से 2-8 से हारना पड़ा. चैंपियन अंशु ने शानदार वापसी करते हुए 0-4 से पिछड़ने के बावजूद बेलारूस की प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ दो पुश आउट अंक लिये. उसने कुराचिकिना का दाहिना पैर पकड़ लिया लेकिन मूव पूरा नहीं कर सकी. जवाबी हमले पर उसने दो अंक गंवाये लेकिन लड़ती रही. यूरोपीय पहलवान का अनुभव आखिरकर उसके जोश पर भारी पड़ा.
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