पुलिस अंकल, मुझे पापा की याद आ रही है, प्लीज मुझे घर छोड़ आइये… ये शब्द थे एक सात साल के बच्चे के जोकि अपने घर से भटक गया था. जब बच्चे ने ट्रैफिक पुलिस को देखा तो वो दौड़ कर ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर के पास पहुँच गया. उसकी बातें सुनकर पुलिसकर्मी ने तत्काल ही थाना पुलिस से सम्पर्क करके बच्चे के घर का पता लगाने की बात कही. फिर क्या था करीब डेढ़ घंटे में पिता की तलाश करके पुलिस ने उन्हें सूचना पहुंचाई और स्वजन के आने पर मासूम को सुपुर्द कर दिया गया.
बच्चे के लिए किया खाने का इंतज़ाम
जानकारी के मुताबिक, कानपुर के यशोदा नगर में यातायात संचालन की ड्यूटी में लगे टीएसआइ अवधेश सिंह ने बताया कि सोमवार दोपहर को अचानक एक सात वर्षीय बच्चा भटकते हुए उनके पास आ गया था. उसने कहा कि पुलिस अंकल.., प्लीज मुझे पापा के पास पहुंचा दीजिए. यहां मेरा मन नहीं लग रहा है, पापा की याद आती है. उसकी बातें सुनने वालों का दिल पसीज गया और फिर उसे कुछ खाने को दिया. ट्रैफिक दरोगा बच्चे के गुहार लगाने पर समझ गए कि वह रास्ता भटक गया है.
बिना बताये घर से आया था बाहर
बच्चे ने पूछताछ में अपनी पहचान उन्नाव धवन रोड बड़ा चौराहा निवासी ओम और पिता का नाम सुनील मिश्र बताया. इस पर ट्रैफिक दरोगा ने हमराही गार्ड मुस्तकीम और राजीव की मदद से नौबस्ता थाने की यशोदा नगर चौकी पुलिस से संपर्क किया. करीब डेढ़ घंटे बाद सुनील यशोदा नगर चौराहे पहुंचे, जहां बच्चे को सकुशल देखकर उन्होंने टीएसआइ और पुलिस कर्मियों को धन्यवाद दिया. बच्चे के पिता ने बताया कि बच्चा अपनी मौसी के यहाँ रह रहा था और वहां से बिना बताये निकल आया था. जिसके बाद लगातार उसकी तलाश की जा रही थी.
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