चुनावी प्रक्रिया पर ट्रंप का बयान, कहा – ‘बैलेट पेपर सबसे सुरक्षित तरीका है’

International Desk: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने 16 फरवरी को घोषणा की, कि भारत में आगामी चुनावों के लिए 21 मिलियन डॉलर की USAID फंडिंग को रद्द कर दिया है। इस कदम ने भारतीय राजनीति में हलचल मचा दी है और सियासी गलियारों में तीखी बहस शुरू हो गई है।

ट्रंप ने उठाया सवाल

मियामी में दिए गए एक भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सवाल उठाया, “हमें भारत में मतदान के लिए 21 मिलियन डॉलर क्यों खर्च करने की जरूरत है? मुझे लगता है कि वे किसी और को चुनाव जिताने की कोशिश कर रहे थे।” ट्रंप के इस बयान ने भारतीय राजनीति में विवाद उत्पन्न कर दिया और आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया।

Also Read – ‘भारत हो या चीन, किसी को नहीं छोड़ेंगे…’, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ लगाने की धमकी

भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप

इस बयान के बाद भारतीय राजनीति में आरोपों का दौर शुरू हो गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह भारत की चुनावी प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप को लेकर गलत जानकारी फैला रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने इसे ट्रंप प्रशासन की गलत जानकारी और मिसकम्युनिकेशन का परिणाम बताया।

बीजेपी का कांग्रेस पर हमला

बीजेपी ने कांग्रेस पार्टी पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश के चुनावों में अमेरिकी हस्तक्षेप से संबंधित मामले को लेकर नकारात्मक और भ्रमित करने वाली जानकारी फैला रहे हैं। बीजेपी का कहना है कि यह एक जानबूझकर फैलाया गया झूठ है, जो भारतीय चुनावी प्रक्रिया में विदेशी हस्तक्षेप का आरोप लगाने के लिए किया जा रहा है।

Also Read – BBC इंडिया पर ED की बड़ी कार्रवाई, फेमा उल्लंघन के आरोप में 3.44 करोड़ का लगा जुर्माना

विपक्ष की प्रतिक्रिया

विपक्ष ने ट्रंप के बयान को उनके प्रशासन की गलत जानकारी और मिसकम्युनिकेशन का परिणाम बताया। विपक्ष ने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान भारत के चुनावी मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप की ओर इशारा करता है और यह भारतीय लोकतंत्र की स्वतंत्रता पर सवाल उठाने जैसा है।

ट्रंप का बयान- ‘बैलेट पेपर सबसे सुरक्षित तरीका है’

ट्रंप ने अपने भाषण में आगे कहा, “मैंने कंप्यूटर को समझने वाले सबसे अच्छे लोगों से बात की, सबने बताया कि चुनाव का सबसे सुरक्षित तरीका बैलेट पेपर है।” ट्रंप के इस बयान ने चुनावी प्रक्रिया की सुरक्षा को लेकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया।

देश और दुनिया की खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें, आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं.